रामनवमी पर वीरवार को शिमला व साथ लगते क्षेत्रों के विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था भंडारे लगाए गए. शिमला के प्रसिद्ध शक्तिपीठ तारादेवी मंदिर, कालीबाड़ी व ढिंगु माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना कर परिवार की मंगलकामना की.
इसके अलावा लोगों ने रामनवमी के दिन व्रत रखे और कंजक पूजन भी किया. शिमला के राममंदिर में रामनवमी पर रामकथा का आयोजन किया गया. मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शीश नवाया.
राममंदिर में रामनवमी पर राम जन्मोत्सव दोपहर 12 बजे मनाया जाएगा, फिर विशाल भंडारे का आयोजन किया. चित्रकूट धाम से आए मानस त्रिपाठी ने राम चरित मानस की कथा की.
उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्म श्री राम के जीवन से प्रेरणा लेकर आज भारतीयों को आगे बढ़ने की जरूरत है. राम जन्मोत्सव एकता एवं भाईचारे का संदेश देता है.