शिमला के प्रतिबंधित मार्गों पर वकीलों की गाड़ियां रोकने से नाराज़ वकीलों का गुस्सा आज हिमाचल हाइकोर्ट के परिसर में भी देखने को मिला। जहां वॉर एसोसिएशन के वकीलों ने प्रतिबंधित मार्गों पर उनकी गाड़ियां रोकने वाले जज के ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया ओर जज के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी कर दी। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वकीलों ने ही कोर्ट परिसर में ही नारेबाज़ी कर अपना विरोध जताया। प्रदेश भर के वकील वैसे भी आज कामकाज ठप किए हुए हैं।
गौरतलब है कि शिमला में करीब 14 प्रतिबंधित मार्ग हैं। जिनमें से 8 रोड़ सील्ड तो 6 रोड़ रिस्ट्रिक्टेड है। जिनको "शिमला रोड़ यूजर एंड पडेस्टीरियन एक्ट 2007" के तहत पब्लिक सेफ्टी के लिहाज़ से रखा गया है। इन मार्गो में सील्ड रोड़ छोटा शिमला से शिमला क्लब, मनचंदा से लक्कड़ बाज़ार, जोधा निवास से रिट्ज, हॉटेल वाइट से रीगल, कैनेडी चौक से गार्टन कैसेल, स्टेट बैंक से मॉल रोड़, स्केंडल पॉइंट से कालीबाड़ी व यूएस क्लब से कॉम्बरमेयर सड़कें शामिल है। जबकि रिस्ट्रिक्टेड रोड़ में कैनेडी हॉउस से बालूगंज, कार्ट रोड़ से डीसी ऑफिस, संजौली चौक से आईजीएमसी, रामचंद्र चौक से जोधा निवास, कार्ट रोड़ से एसबीआई व शेलेडे स्कूल से जोधा निवास 6 सड़कों को शामिल किया गया है।
इन सड़कों पर या तो विशेष वीआईपी या आपातकाल की गाड़ियों ले जाने की इजाज़त है। जबकि अन्यों की गाड़ियों को ले जाने के लिए गृह विभाग की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। इन मार्गों पर वकीलों को जाने की इजाज़त थी। साथ मे पत्रकारों को भी इन सड़कों पर सरकार ने चलने की छूट दे रखी थी। लेकिन ताज़ा आदेशों के बाद वकीलों और पत्रकारों को इन मार्गों पर जाने से रोका जा रहा है। इसी को लेकर वकील अपना काम धंधा छोड़ सड़को पर हैं।