हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जानकारी दी हैं कि भारत सरकार के केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के केन्द्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के तकनीकी विंग ने शिमला नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत जलपूर्ति सेवाओं में सुधार के लिए 492 करोड़ रुपये की सप्ताह भर 24 घंटे जलपूर्ति परियोजना को स्वीकृति प्रदान की हैं.
उन्होंने कहा कि शिमला जलपूर्ति एवं सीवरेज सेवा वितरण कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रेटर शिमला में जलपूर्ति योजनाओं के सुधार के लिए 1825 करोड़ रुपये वित्तीय परिव्यय की परियोजना को विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है और 1825 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विश्व बैंक द्वारा 1168 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी तथा शेष 657 करोड़ रुपये हिमाचल सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे.
शिमला शहर के लिए सप्ताह भर 24 घंटे जल उपलब्ध करवाने वाली जलपूर्ति परियोजना का मुख्य उद्देश्य नोन रेवेन्यू जल को कम करना, ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी की शुरुआत, जलपूर्ति प्रणालियों को डिजिटल स्वरूप प्रदान करना हैं. भारत सरकार और हिमाचल सरकार के मापदंडों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. 31 अक्तूबर, 2022 तक सफल बोलीकर्त्ता को निविदा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यह परियोजना वर्ष 2025 तक पूरी कर ली जाएगी तथा शिमला शहर के नागरिकों को सप्ताह भर 24 घंटे जलपूर्ति सुनिश्चित होगी.