हिमाचल प्रदेश में प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम उग्र हो गई है। प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम अपनी मांगो को लेकर शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गई हैं. प्रदेश में 8 हजार के करीब एएनएम हैं। एनएम 1990 से प्रशिक्षण लेकर कर बैठे हैं लेकिन अब तक बेराजगार हैं। उनकी 5 साल में एक बार पोस्ट निकलती है और उस पर भी बीएससी नर्सिंग को लगा दिया जाता है। जब बीएससी नर्सिंग की पोस्ट आती है तो वहां चली जाती है। यह सिलसिला चला रहता है, जिन्होंने एएनएम का प्रशिक्षण किया है, उन्हें सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है।
हिमाचल बेरोजगार एएनएम संघ की अध्यक्ष सुदर्शना का कहना है कि सरकार बार-बार कहती है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लेकिन जब बेटी पढ़कर प्रशिक्षण ले लेती है तो उसे बेरोजगारी का मुंह देखना पड़ रहा है।
धर्मशाला में मुख्यमंत्री नारी नमन समारोह कर रहे हैं जबकि शिमला में वह कल से बारिश के बीच अपनी मांगो को लेकर विरोध कर रही है बाबजूद इसके उनका कोई नुमाईदा मिलने नही पहुंचा है. सरकार का यदि यही रवैया रहा तो चुनावों में जबाब दिया जायेगा. उन्होंने मांग की है कि सरकार प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम को रोजगार उपलब्ध करवाए. एएनएम ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती है तो वे आंदोलन तेज करेंगी.
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