हिमाचल

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 105 साल के श्याम सरण नेगी ने पोस्टल बैलेट से किया मतदान

स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी ने बुधवार को पहली बार किन्नौर के कल्पा में अपने घर से पोस्टल बैलेट से मतदान किया. स्वास्थ्य कारणों के चलते इस बार नेगी ने घर से वोट दिया. 105 साल के श्याम सरण नेगी हर मतदान में अपना वोट बूथ में जाकर डालते रहे हैं. लेकिन इस बार उन्होंने घर से ही  पोस्टल बैलेट से मतदान किया.
श्याम सरण नेगी को चुनाव आयोग ने ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है. इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक भी मौजूद रहे. प्रथम मतदाता के मतदान के लिए व्यापक तैयारियां की गई थीं.
नेगी का वोट डलवाने के लिए चुनाव आयोग तरफ़ से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ रेड कारपेट का भी इंतज़ाम किया गया था. नेगी ने आजादी के बाद से अब तक हुए चुनाव में इस बार 34वीं बार मतदान किया.
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि इस बार देश के प्रथम मतदाता ने स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने घर से मतदान करने का फैसला लिया था. नेगी ने स्वतंत्र भारत में अब तक सभी चुनाव में मतदान किया है. इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर थीं.
श्याम सरण नेगी ने 25 अक्तूबर 1951 में पहली बार सबसे पहले मतदान किया था और आजाद भारत के पहले वोटर बने थे. आजादी के बाद भारत में फरवरी 1952 में पहला आम चुनाव हुआ था. श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में हुआ. 10 साल की उम्र में स्कूल गए नेगी की पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में हुई.
इसके बाद पढ़ाई के लिए रामपुर गए. रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे।नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर में ही की. उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला. श्याम सरण नेगी ने शुरू में 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की. उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बने.
एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था. कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है. यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो चुकी थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था.
देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए. पहले चुनाव के समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी.
इसलिए सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी. वह सुबह-सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए और 6:15 बजे मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची. नेगी के निवेदन किया पर वोट देने की इज़ाज़त मिल गई. इस तरह श्याम सरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए.
Kritika

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