पौष मास में सूर्य पूजा का महत्व: हिंदी पंचांग के अनुसार, 19 दिसंबर 2024 का दिन चतुर्थी तिथि और आश्लेषा नक्षत्र में है। पौष मास, जो 16 दिसंबर से शुरू होकर 13 जनवरी तक रहेगा, सूर्य उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। हिमाचल के मंडी के जिला के नगवाईं क्षेत्र से संबंधित ज्योतिर्विद मनोज शर्मा के अनुसार, इस माह में तांबे के लोटे में जल, कुमकुम, चावल और फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना कुंडली के दोषों को दूर करने और सुख-समृद्धि प्राप्त करने में सहायक है।
पौराणिक महत्व:
पुराणों के अनुसार, पौष मास में भग नामक सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इस समय गंगा, यमुना, और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना और तीर्थ दर्शन का विशेष महत्व है। व्रत, दान, और पूजा से कई गुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
राहुकाल और मुहूर्त:
19 दिसंबर को राहुकाल अपराह्न 01:30 से 03:00 के बीच रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02:09 से 02:50 के बीच है, जो शुभ कार्यों के लिए आदर्श माना गया है। इसके अलावा गोधूलि बेला शाम 05:35 से 06:02 तक है।
ज्योतिषीय दृष्टि:
इस दिन चतुर्थी तिथि पूर्वाह्न 10:03 तक रहेगी, जिसके बाद पंचमी तिथि प्रारंभ होगी। आश्लेषा नक्षत्र रात्रि 02:00 तक रहेगा। चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा और फिर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। वैधृति योग शाम 06:34 तक है, जो बाद में विष्कुंभ योग में परिवर्तित होगा।
सारांश:
पौष मास में सूर्य पूजा जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए अत्यधिक फलदायी है। नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देने से ग्रह दोषों का निवारण और आयु वृद्धि संभव है।
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