हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में आंजभौज क्षेत्र में इन दिनों माघी त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहां के लोग इस त्योहार की तैयारियों में जुटे और इस त्यौहार के लिए बकरों की खरीद-फरोख्त में जुड़े हुए हैं। माघी प्रथा सदियों से चली आ रही है। लोगों का कहना है। आस्था से जुड़ा पौष माह के आखिर में शुरू होने वाला यह पारंपरिक त्योहार पूरे माघ महीने में मनाया जाता है। सोमवार और मंगलवार को मां काली की पूजा की जाती है।
सदियों से सिरमौर और उत्तराखंड के बाबर जौनसार इलाकों में जनवरी के 11 तारीख को माघी पर्व मनाया जाता है और आज की नई पीढ़ी भी इस प्रथा को चला रही है और भविष्य में भी यह प्रथा चलती रहनी चाहिए। इस त्यौहार के लिए लोग बकरों की खरीद-फरोख्त में जुट गए हैं यहां तक कि 50000 तक की कीमत के बकरे भी बाजार में बिकने के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान भाई अपनी बहन को आटा और चावल त्योहार का शगून देता है। ग्रामीणों ने बताया कि माघी त्योहार को कुछ इलाकों में ‘भातियोज’ भी कहा जाता है।