हाईकोर्ट की एसआईटी की कार्रवाई से अवैध कब्जा धारकों में हड़कंप मचा हुआ है। जुब्बल तहसील की चार पंचायतों में पांच दिन की कार्रवाई के दौरान सेब के हजारों फलदार पेड़ काट कर वन भूमि को खाली किया गया है।
एसआईटी की टीम ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पहली बड़ी कार्रवाई जुब्बल तहसील के बरथाटा, कठासू, धार, बढ़ाल पंचायत में की है। चार पंचायतों में दर्जनों परिवारों के पास सेब के नाम मात्र सेब के बगीचे बचे हैं। पुलिस के कडे़ पहरे के बीच जिस स्थान पर अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई चल रही, वहां धारा 144 लागू की गई है। यहां पर आम लोगों को भी नजदीक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है।
बरथाटा, पौटा, बटाड गलू में अभी तक सैकड़ों बीघा भूमि को खाली किया गया है। डीएफओ रोहड़ू उप-पुलिस अधीक्षक रोहडू एडीसी शिमला, राजस्व विभाग की टीम मौके पर डटी है। पुलिस की कई बसें इनकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं।
कसौली में गोलीकांड के बाद अवैध कब्जा हटाने के लिए तैनात टीम की सुरक्षा तेज की गई है। मौके पर पुलिस के कडे़ पहरे के बीच अवैध कब्जा हटाने का कार्य चल रहा है। बगीचे कटने के बाद कई घरों में मातम क्योंकि बहुत से ऐसे गरीब लोग भी है जिनके पास 50 से 70 पौधे से निकली है और वह भी काट ली है वह उसी पर निर्भर थे। उनके पास आय का दूसरा कोई साधन नहीं है। ऐसे में बागवान सरकार से नीति बनाने की गुहार लगा रहे हैं।
26 अप्रैल को प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर एसआईटी की कार्रवाई के बाद बागवानों के पूरे सेब के बगीचों पर आरे चल रहे हैं। किसी के पास सेब के दस तो किसी के बाद 20 पौधे बचे हैं। लगातार चल रही कार्रवाई से कई घरों में मातम की तरह माहौल पसरा हुआ है।