अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष्य पर हिमाचल प्रदेश के ग्यारह जिलों में सीटू राज्य कमेटी द्वारा मजदूर दिवस मनाया गया और शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। इस दौरान औद्योगिक मजदूरों ने कार्यस्थलों पर सीटू का झंडा फहराया। प्रदेश के सैंकड़ों गांवों में मनरेगा और निर्माण मजदूरों ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए मजदूर दिवस को मनाया। मजदूरों ने प्रदर्शनों के माध्यम से सरकार के समक्ष शपथ पत्र, घोषणा पत्र और मांग पत्र रखा।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि सीटू राज्य कमेटी के तत्वाधान में कोरोना महामारी के दौर में हुए मजदूर दिवस कार्यक्रमों और प्रदर्शनों में औद्योगिक मजदूरों के काम के घण्टों को आठ से बढ़ाकर बारह करने के खिलाफ, सभी मजदूरों को राशन उपलब्ध करवाने, आयकर के दायरे से बाहर मजदूरों को 7500 रुपये की आर्थिक सहायता देने, मीडिया और आईटी कर्मियों की छंटनी बन्द करने, औद्योगिक मजदूरों, आउटसोर्स, ठेका और योजना कर्मियों को कोरोना काल का पूरा वेतन देने और उनकी छंटनी पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर हुए। इन प्रदर्शनों में प्रदेशभर में हज़ारों सीटू कार्यकर्ताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार के कोरोना काल के स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करते हुए हाथों में प्लेकार्ड व चार्ट पकड़ कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा।
विजेंद्र मेहरा ने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की है कि मजदूरों, पत्रकारों, कर्मचारियों की छंटनी और वेतन में कटौती बन्द की जाए। प्रवासी मजदूरों के प्रति सरकारी उदासीनता बन्द की जाए। स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य मजदूरों के लिए पीपीई किट का प्रबन्ध किया जाए। हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न लॉकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में उद्योगों में कार्यरत मजदूर, सरकारी क्षेत्र के आउटसोर्स, ठेका, कैजुअल, पार्ट टाइम मजदूर, आंगनबाड़ी,मिड डे मील, आशा जैसे योजनाकर्मी, असंगठित क्षेत्र के मनरेगा, निर्माण ,ग्रामीण मजदूर, डॉमेस्टिक वर्करज, होटलकर्मी, गार्बेज, सीवरेज, सेनिटेशन कार्य से जुड़े कर्मी, परिवहन क्षेत्र से जुड़े ऑपरेटरों और मजदूरों, दुकानों में कार्यरत सेल्जमैन, रेहड़ी फड़ी तहबाजारी, न्यूज़ पेपर हॉकर्ज़, छोटे दुकानदार और कारोबारी सभी को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।