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धर्मशाला: जलरक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन, अधिकारी झाड़ रहे अपना-अपना पल्ला

मृत्युंजय पूरी |

धर्मशाला स्मार्ट सिटी के नगर निगम में शमिल की गई पंचायतों में रखे गए जलरक्षक पिछले 19 महीनों से वेतन को तरस रहे हैं। वेतन को तरस रहे नगर निगम के जलरक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल  डी.सी. कांगड़ा संदीप कुमार से  मिला और आई.पी.एच. विभाग और निगर निगम धर्मशाला के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपकर रोष प्रकट किया है।

डी.सी. को शिकायत पत्र सौंपकर रोष प्रकट करते हुए जिला मुख्यालय में तैनात जलरक्षकों ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला में आई.पी.एच. विभाग और नगर निगम धर्मशाला द्वारा जलरक्षकों से काम तो 24 घंटे लिया जा रहा है, परंतु जब वेतन की बारी आती है तो आई.पी.एच. विभाग और नगर निगम वेतन देने से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

जलरक्षकों ने बताया कि 17 जलरक्षक ऐसे हैं, जिन्हें 2 साल का समय होने वाला है, लेकिन अभी तक वेतन मुहैया नहीं हो पाया है। ऐसे में जलरक्षकों को वेतन न मिलने से उनकी मानसिक स्थिति पर तो असर पड़ रहा है परंतु उन्हें अपने घर परिवार का खर्च उठाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन जलरक्षकों में से कुछ जलरक्षक ऐसे हैं जो कि 2006 से अपनी सेवाएं दें रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब से धर्मशाला की पंचायतों को नगर निगम में मर्ज किया गया है, तब से बिना वेतन के कार्य किया जा रहा है। हालांकि आई.पी.एच. विभाग द्वारा पहले इन जलरक्षकों को 1350 रुपए मासिक वेतन दिया जाता था, लेकिन उसके बाद उनका वेतन 1500 रुपए वेतन कर दिया गया। वही जलरक्षकों ने कहा  कि जब से वेतन बढ़ौतरी हुई है, तब से वेतन मिलना ही बंद हो गया है। वहीं उन्होंने कहा की जब भी वह आई पीएच अधिकारी और नगर निगम के अधिकारियों से मिलते है , तो उनका कहना है की आपको पंचायत के माध्यम से रखा गया है।

वहीं IPH मुख्य अभियंता राकेश बख्शी ने कहा की नगर निगम के हर वार्ड में अपनी सेवाएं देने वाले जलरक्षक पहले विभाग के पास हुआ करते थे, तब उन्हें समय पर विभाग द्वारा वेतन दिया जाता था। लेकिन जब से पंचायतों को मर्ज कर नगर निगम में शामिल किया गया, तब से ये जलरक्षक नगर निगम के तहत आते हैं। विभाग फिर भी प्रयास कर रहा है कि इन्हें अपनी मेहनत की कमाई मुहैया करवाई जा सके। लेकिन जलरक्षकों को उसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।