सोलन के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के गिन्निघाड़ में एक फैक्ट्री द्वारा केमिकल युक्त मलबा नदी में फेंका जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि इसी नदी से हजारों लोगों को पीने का पानी भी सप्लाई होता है। नदी में दो पेयजल योजनाओं का पानी सप्लाई होता है जिसे हज़ारों लोगों की आबादी इस्तेमाल करती है।
इसपर स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पानी से जहां बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, वहीं मवेशियों के लिए भी है यह दूषित पानी खतरनाक है। आरोप लोग लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक बीजेपी नेता की मशरूम और कत्था फैक्ट्री से केमिकल युक्त मलबा नदी में डाला जाता है जिससे पूरी नदी दूषित हो रही है। हर बार बरसात के दौरान केमिकल युक्त मलबा इस नदी में छोड़ा जाता है और इसी तरह का मंजर हर बरसात में देखने को मिलता है। कई बार शिकायतें भी की गईं मगर शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती।
लोगों ने कहा कि मामला प्रभावशाली व्यक्ति से जुड़ा है और अधिकारी भी कोई कार्रवाई करते नजर नहीं आते। यदि प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सकता तो दोनों पेयजल लाइनों को ही हमेशा के लिए बंद कर दे ताकि लोगों के जीवन से तो न खिलवाड़ हो।
मामला बढ़ता देख विभाग ने कर्मचारी को मौके पर भेज आनन-फानन में पेयजल स्कीम को बंद कर दिया और नदी से पानी के सैंपल लिए। मौके पर पहुंचे कर्मचारी ने माना कि नदी में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है जिसके बाद ही स्कीम को उच्च अधिकारी के आदेश पर बंद कर दिया गया है।