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सोलर फिल्टरों से देखा जाएगा कल होने वाला सूर्य ग्रहण, नंगी आंख से देखना होगा घातक

बीरबल शर्मा |

भारत सरकार के विज्ञान एवम प्रौदयौगिकी विभाग के विज्ञान प्रसार औऱ हिमाचल राज्य विज्ञान प्रौदयौगिकी एवम पर्यावरण परिषद शिमला औऱ शिक्षा विभाग द्वारा सुर्य ग्रहण के रुप में 21 जून 2020 को होने वाली दुर्लभ खगोलीय घटना के बारे में स्कूली छात्रों औऱ लोगों को जागरुक करने के लिए विशेष अभ्यिान चलाया है। छात्रों औऱ अध्यापकों को बैबिनार के माध्यम से इस खगोलीय घटना के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया गया है।  

यह जानकारी देते हुए मंडी उपनिदेशक शिक्षा कार्यालय में तैनात विज्ञान पर्यवेक्षक संजीव ठाकुर ने बताया कि सूर्य ग्रहण की 3 घंटे से अधिक अवधि के दौरान स्कूली छात्रों द्वारा प्रकृति , पेड़ पौधों, जानवरों, पक्षियों के व्यवहार में बदलाव का अध्ययन किया जा सकता है। इसके अलावा सूर्य व चंद्रमा के कोणीय व्यासों का मापन भी किया जा सकता है।

छठी से बारहवीं के छात्रों के लिये 21 जून के सूर्य ग्रहण के दौरान अनुभव विषय पर 1500 शब्दों तक दो-तीन पृष्ठ का लेख या अधिकतम 10 सलाइडों की पावर प्वाईंट प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। सूर्य ग्रहण की घटना के बाद छात्रों को अपने अनुभव ईमेल द्वारा 23 जून तक प्रेषित करने होंगे। मंडी में सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से दोपहर 1बजकर 48 मिनट तक देखा जा सकता है। अध्कितम सूर्य ग्रहण 12 बजकर 3 मिनट पर होगा। हिमाचल राज्य विज्ञान प्रौदयौगिकी एवम पर्यावरण परिषद शिमला ने ग्रहण को सुरक्षित तरीके से देखने के लिये सोलर फिल्टरों का प्रबन्ध भी किया है। नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को देखने की कोशिश करना अतयंत हानिकारक है। इसलिए सोलर फिल्टर ही सर्वोतम है।

सूर्य ग्रहण को देखने के अन्य सुरक्षित तरीकों में पिन होल कैमरा, पानी या समतल दर्पन द्वारा किसी दीवार पर प्रतिबिम्ब बनाना हैं। इस बार के पूर्ण सूर्य ग्रहण का पथ घरसाना राजस्थान से शुरु होकर  हरियाणा, उतर प्रदेश औऱ उतराखंड से गुजरेगा। हिमाचल से भी 80 प्रतिशत तक सूर्य ग्रहण का नजारा देखा जाएगा। उपनिदेशक उच्च शिक्षा वीणा अत्री औऱ कार्यवाहक उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा नरेन्द्र जमवाल ने अध्याापकों औऱ छात्रों से इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया है।