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नोटिस का जवाब देने विधानसभा स्पीकर के पास पहुंचे तीनों निर्दलीय विधायक

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तिफा देने के बाद विधानसभा सचिवालय ने तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 अप्रैल को दोपहर 12:15 बजे पेश होने के लिए कहा था. तीन निर्दलीय विधायक आज विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने पेश हुए. तीनों निर्दलीय विधायकों ने दोपहर 2:30 बजे तक निर्दलीय विधायकों ने जवाब दायर करने के लिए समय मांगा है. स्पीकर ने तीनों निर्दलीय विधायकों को दोपहर 2:30 बजे तक जवाब देने के लिए कहा है. दोपहर 2:30 बजे के बाद विधानसभा परिसर में एक बार फिर मामले में सुनवाई शुरू होगी.

निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि उन्होंने 22 मार्च को अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है. उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. ऐसे में विधानसभा स्पीकर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेना चाहिए. निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने बताया कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की है. इस याचिका में यह आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द इनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए. होशियार सिंह ने कहा कि वह यह चाहते हैं कि विधानसभा स्पीकर नियमों के तहत उनका इस्तीफा स्वीकार कर लें.

वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधानसभा सचिवालय की ओर से तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. तीनों निर्दलीय विधायकों को 9 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा गया था. हालांकि तीनों निर्दलीय विधायकों ने जवाब नहीं दिया. ऐसे में उन्हें जवाब देने करने के लिए दोपहर तक का समय दिया गया है.

कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों के 22 मार्च को इस्तीफा देने के बाद 23 मार्च को उन्हें कांग्रेस के 12 विधायकों की ओर से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ. बतौर स्पीकर उनका यह दायित्व है कि वह विधायकों की शिकायत पर भी ध्यान दें. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस विधायकों की ओर से मिले शिकायत पत्र की भी जांच कर रहे हैं. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब तीनों निर्दलीय विधायक व्यक्तिगत तौर पर उनके पास इस्तीफे की प्रति लेकर पहुंचे, तो उनके साथ भाजपा के विधायक डॉ. जनक राज और बलवीर वर्मा भी थे. ऐसे में पूरे मामले की जांच करना उनका दायित्व है. उन्होंने कहा कि अभी यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है. ऐसे में वह चाहकर भी अब इस पूरे मामले को खत्म नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने उनसे बतौर विधानसभा स्पीकर 24 अप्रैल को जवाब मांगा है.