हिमाचल

‘चंद्रताल-बातल में फंसे लोगों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन पर स्पीति के लोगों का विशेष आभार’

उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने चंद्रताल और बातल में फंसे लोगों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन पर स्पीति के लोगों का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार रेस्क्यू ऑपरेशन को कम से कम समय में पूरा करने का प्रयास किया जा रहा था।
लेकिन मौसम और भौगोलिक की विषम परिस्थितियों के रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें पेश आई। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में स्पीति के 10 से अधिक गांव के युवाओं ने पांच दिन तक प्रशासन के साथ कंधा से कंधा मिलाए रखा।
उन्होंने कहा जब 9 जुलाई को चंदरताल में फंसे लोगों के बारे में सूचना प्राप्त हुई तो स्पीति में तैनात एडीसी राहुल जैन की अध्यक्षता में रेस्क्यू टीम का गठन कर दिया था। मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से स्पीति घाटी में बाधित हो चुका था। सेटेलाइट फोन के माध्यम से संपर्क हो पा रहा था।
स्पीति के काजा से शिमला मार्ग बाधित था। एडीसी राहुल जैन, एसडीएम हर्ष नेगी और तहसीलदार भूमिका जैन ने विशेष बैठक करके 10 जुलाई को सुबह रेस्क्यू टीम में स्थानीय युवाओं को अधिक संख्या में शामिल करने का फैसला किया।
क्योंकि पहले भी स्थानीय युवाओं की मदद से ही लोगों को रेस्क्यू करने प्रयास सफल हो चुके थे। लोसर, पांगमों, क्यामो, हंसा, हल, क्याटो, काजा, लिदांग, किब्बर, चिचिम, रंगरिक, देमुल आदि गांव के युवाओं को रेस्क्यू टीम में शामिल किया ।
जिसमें सबसे अधिक लोसर गांव के थे।इसके अलावा बीआरओ, गर्ग एंड गर्ग कंपनी, न्यू इंडिया कांट्रेक्टर एंड डेवलपर कंपनी,आईटीबीपी, पुलिस, आईबी और टी ए सी सदस्य भी शामिल किया। मशीनरी के तौर पर पहले दो दिन एक जेसीबी और अंतिम दिन 3 जेसीबी और एक डोजर इस्तेमाल की गई। लोसर से चंदरताल तक भारी हिमपात के कारण पूरी सड़क बाधित हो चुकी थी।
करीब 1 से तीन फीट तक बर्फ थी। 10 जुलाई रेस्क्यू ऑपरेशन के पहले दिन रात आठ बजे तक जेसीबी चलाई गई और लोसर से 8 किलोमीटर आगे तक रास्ता बहाल किया गया। रात को रेस्क्यू टीम में लोसर में ठहराव किया जबकि जेसीबी मशीन मौके पर रखी गई। रेस्क्यू टीम को भोजन की व्यवस्था का जिम्मा लोसर महिला मंडल ने संभाला हुआ था।
11 जुलाई सुबह 5 बजे फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इसके साथ ही फैसला लिया कि स्थानीय युवाओं की 6 सदस्यीय मैसेंजर टीम चंदरताल शॉर्ट कट रास्ते से 15हजार फीट की ऊंचाई से भेजी जाएगी । दोपहर ढाई बजे मैसेंजर टीम कुंजुम टॉप से तीन किलोमीटर पीछे से रवाना हुई और शाम पौने सात बजे चंदरताल कैंप लोकेशन पर पहुंची।
मैसेंजर टीम ने फंसे लोगों को मोटिवेट किया और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया। इसके बाद मैसेंजर टीम ने सैटेलाइट के माध्यम से एडीसी को लोगों के लिए दवाइयां भेजने के बारे में कहा। रात 10बजे तक सड़क खोलने का कार्य किया। 12 जुलाई को सुबह पांच बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और बातल में कुछ लोगों के फंसे होने के अंदेशे के चलते रेकी करने का फैसला लिया।
लोसर के तीन युवा दवाई लेकर चंदरताल पैदल भेजे गए । वहीं बातल में रेकी के लिए दो युवा जिसमें एक बीआरओ का मेट भी शामिल था उन्हें भेजा गया। इसके साथ बातल में खराब पड़े डोजर के लिए बैटरी भेज कर उसे चलाने के लिए लोसर से चालक भेजा।
पैदल ही बातल टीम पहुंची और करीब 2 बजे बातल की तरफ़ से कुंजम की ओर सड़क खोलने का काम डोजर ने शुरू किया।
पौने दो बजे जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी और सीपीएस संजय अवस्थी रेस्क्यू कार्य का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे।
वहीं बातल गए युवाओं ने शाम को 9 बजे पहुंच कर बताया कि वहां पर 52 लोग फंसे हुए है जिसके बारे में किसी को भी पहले सूचना नहीं दी। फिर एडीसी राहुल जैन और एसडीएम हर्ष नेगी ने उन्हें रात को रेस्क्यू करने के लिए हामी भरी और 5 गाड़ियों में उन्हें रेस्क्यु करने का प्लान बनाया।
कुंजम में बनाए गए बेस कैंप से गाड़ियों मंगवाई जोकि रात को 12 बजे बातल पहुंची। एडीसी एसडीएम ने स्वयं बातल के लोगों से वहां पहुंच कर बात की ओर रेस्क्यू करने की बात कही।
मुख्यमंत्री के आदेशानुसार रात को लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए रखा और चंदरताल गेट से लेकर कैंप तक सड़क खोलने के काम रात 9बजे से चला जोकि 13 जुलाई सुबह डेढ़ बजे खत्म किया। इस मार्ग पर तीन जेसीबी चलाई गई जिसमें दो निजी और एक बीआरओ की जेसीबी शामिल थी।
रात पौने दो बजे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सेटलाइट फोन के माध्यम से मंत्री और सीपीएस से बात करके जल्दी से जल्दी सारे फंसे हुए टूरिस्ट को लोसर ले जाने के आदेश दिए। मंत्री ने मौके पर मौजूद प्रशासन और रेस्क्यू टीम के साथ बैठक करके हौसला अफजाई की और सुबह 6 बजे से फंसे हुए लोगों को लोसर ले जाने के आदेश दिए।
सुबह 4वाई 4 वाहनों में 255 लोगों को लोसर ले जाया गया। सड़क की हालत काफी खराब होने के कारण काफी धीरे धीरे से वाहनों को ले जाना पड़ा। कुंजम टॉप पर दोपहर के भोजन की व्यवस्था लोसर महिला मंडल और युवाओं की ओर से की गई थी वहीं यहीं से एचआरटीसी की तीन बसों और टेंपो ट्रेवेलर में ले जाया गया।
लोसर पुलिस चेक पोस्ट पर पहली गाड़ी 3.38 मिनट पर पहुंची यहां पर महिला मंडल ने आशी पहनकर स्वागत किया। इसके बाद सभी लोगों की एंट्री चेक पोस्ट में की गई।
जिलाधीश राहुल कुमार ने बताया स्पीति के लोग हमेशा ही रेस्क्यू कार्यों में हमेशा अहम योगदान निभाते रहे है। युवाओं और महिला मंडल ने जो साहस दिखाया गई वो काबिले तारीफ है। इसके साथ स्पीति प्रशासन ने बेहतरीन कार्य करके सैंकड़ों लोगों की जान बचाई है।
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