प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 8071 करोड़ रुपये लागत के 72 समझौता ज्ञापन भावी उद्यमियों के साथ हस्ताक्षरित किए हैं जिन्हें ‘हिम प्रगति’ वैबसाईट पर भी अपलोड किया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां पर्यटन विभाग की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए नई पर्यटन नीति तैयार की जा रही है, जिसका कार्य अन्तिम चरण में है। नई पर्यटन नीति में राज्य के नए गंतव्यों को विकसित करने और शिमला व मनाली जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों से भीड़-भाड़ कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त नए साहसिक खेल नियम, 2019 भी तैयार किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश में साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिले व इन पर नियंत्रण रखा जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन सतत् विकास योजना भी इस वर्ष अक्तूबर माह तक तैयार हो जाएगी, जिसके अंतर्गत सुनियोजित पर्यटन विकास सुनिश्चित होगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार मण्डी ज़िला के जंजैहली क्षेत्र को इको पर्यटन के लिए विकसित करने के प्रयास कर रही है। प्रमुख औद्योगिक घराना क्लब महेन्द्रा जंजैहली में टूरिस्ट रिजॉर्ट की स्थापना करने जा रहा है। प्रदेश सरकार जंजैहली से रायगढ़ और उससे आगे शिकारी माता तक रज्जूमार्ग निर्मित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जंजैहली क्षेत्र में और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से यहां एक मनोरंजनात्मक/पारम्परिक केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा। कांगड़ा ज़िला के बीड़ बिलिंग को पैराग्लाइडिंग व साहसिक खेलों के गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि यह क्षेत्र विश्व पर्यटन मानचित्र पर उभर सके और स्थानीय युवाओं को रोज़गार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के प्रेमियों की सुविधा के लिए बीड़ बिलिंग में 8.70 करोड़ रुपये की लागत से पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा ज़िला के पौंग डेम को ‘नई राहें नई मंजिलें’ योजना के अंतर्गत जल क्रीड़ा स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यहां पर प्रदूषण रहित वाहन, शिकारा, हाऊस बोट और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला जिला के चांशल क्षेत्र को शीतकालीन खेलों और स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही चांशल में स्काई रिजॉर्ट स्थापित करने के लिए निविदाएं अमंत्रित की जाएंगी। चांशल को स्नो स्पोर्ट गंतव्य बनाने के साथ-साथ समर रिजॉर्ट के रूप में भी विकसित किया जाएगा। देवीधार और पंजैन, बिजाही इत्यादि में कैम्पिंग साईट विकसित की जाएगी। इसके अतिरिक्त बगलामुखी नेचर पार्क में इंटरप्रटेशन केन्द्र स्थापित करना भी प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि कैक्ट्स गार्डन, रोपवे, नेचर वॉक और रॉक क्लाईंबिंग इत्यादि सुविधाएं भी इस क्षेत्र में विकसित की जाएगी। पण्डोह के पास लॉग हट का निर्माण किया जाएगा ताकि कुल्लू-मनाली जाने वाले पर्यटकों को रास्ते में एक और पर्यटन स्थल की सुविधा मिल सके।
मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, निदेशक पर्यटन यूनुस और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।