Shimla: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान को लेकर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान पर उपजे विवाद से सियासत गर्मा गई है। एक तरफ मंत्री के बयान से किनारा करते हुए सुक्खू सरकार ने साफ किया है कि स्ट्रीट वेंडर्स के नाम लिखने के आदेश को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है।सरकार इस मुद्दे को लेकर कैबिनेट में मंथन करेगी।
वहीं मुख्य संसदीय सचिव एवं कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट संजय अवस्थी ने कहा कि नेम-प्लेट समेत आई-कार्ड अभी अनिवार्य नहीं किया गया। यह निजी बयान हे सकता है। इसका फैसला स्पीकर द्वारा गठित स्ट्रीट वेंडर कमेटी करेगी। इस पॉलिसी को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव मिले हैं। इन पर विचार किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वीरवार को दिल्ली पहुंचते ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मॉडल वाली पोस्ट को हटा दिया। वहीं बुधवार को प्रदेश में भोजनालय और फास्ट फूड की रेहड़ी वालों को अपना पहचानपत्र दुकान पर लगाने के संबंध में लिए गए फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री योगी की फोटो वाली पोस्ट के माध्यम से शेयर करने के बाद बैकफुट पर आए विक्रमादित्य ने वीरवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। हिमाचल एक अलग राज्य है, इसके अपने मामले और मुद्दे हैं।
कांग्रेस शासित सरकार के कैबिनेट मंत्री की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गरमाई राजनीति के बीच पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ल ने बीचबचाव कर कहा कि विक्रमादित्य के बयान को यूपी सरकार से जोड़ना ठीक नहीं है। राजीव शुक्ल ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह से बात करने के बाद इस मामले को लेकर हाईकमान के समक्ष भी स्थिति स्पष्ट की।
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