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गद्दी लोगों की भेड़ बकरियों की चोरी में शामिल अपराधियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई: CM

पी. चंद |

प्रदेश सरकार गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और भेड़-पालन को और अधिक लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए नई योजनाओं की शुरूआत सुनिश्चित करेगी। यह बात आज मुख्यमंत्री ने जिला कांगड़ा के पालमपुर के बनूरी में हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन द्वारा आयोजित भेड़ प्रजनन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जनजातीय समुदाय एवं प्रशिक्षण केन्द्र का भी उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में केन्द्र और प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान गद्दी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिया गया था। प्रदेश सरकार ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे गद्दी लोगों की भेड़ और बकरियों की चोरी में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। गद्दी समुदाय को उच्च गुणवत्ता की ऊन मिल सके, इसके लिए अच्छी नस्ल के भेड़ उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गद्दी समुदायों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के लोगों ने हाल ही में संपन्न हुए पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों में वर्तमान राज्य सरकार को भारी जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित 63 पंचायत समितियों में से 57 समितियों में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने विजय प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान लोक सभा और विधानसभा उप चुनावों सहित सभी चुनावों में राज्य के लोगों ने भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग राज्य सरकार की विकासात्मक और कल्याणकारी नीतियों व कार्यक्रमों से पूर्णतया संतुष्ट हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में तीन नए नगर निगम पालमपुर, सोलन और मंडी बनाए है ताकि राज्य के बड़े और तीव्र गति से उभरते इन शहरों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित हो सके। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पालमपुर में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से भी भेंट की। वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं विनम्र पृष्ठभूमि के होने के कारण समाज के गरीब वर्ग के लोगों की विकासात्मक जरूरतों और उम्मीदों को अच्छी तरह से समझते है। उन्होंने कहा कि भेड़ और बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है।