Follow Us:

छात्रों के हाथों में किताबों की जगह थमा दिए पत्थर, अध्यापकों ने स्कूल में बच्चों से करवाई मजदूरी

पी. चंद, शिमला |

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की चम्बा ज़िला में सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। सरकार स्कूलों में बेहतर शिक्षा की बात करती हैं। लेकिन शिक्षा देने वाले शिक्षक ही जब बच्चों को मजदूर बना दे तो क्या होगा इन वादों और दावों का चंबा ज़िला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कल्हेल में बच्चों को लाइन में खड़ा करके उनसे स्कूली अध्यापक पत्थर ढुलवा रहे हैं। बच्चों की भी संख्या एक-दो नहीं बल्कि पूरी 50 से ऊपर है। जिन हाथों में किताब होनी चाहिए उन हाथों में अध्यापकों ने पत्थर थमा कर उन्हें मजदूर बना दिया।

हैरानी इस बात को लेकर होती हैं कि बच्चे स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने आते है नाकि अध्यापकों की गुलामी करने आते हैं इस तरह की करतूत से अभिभावकों में ग़ुस्सा जरूर हैं। चम्बा ज़िला से 45 किलोंमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कल्हेल में एक ट्रॉली पत्थरों को आती हैं और फिर कुछ अध्यापक बच्चों को  अपने घर के मजदूर समझकर एक लाइन में खड़ा करके उनसे पत्थर की ट्रॉली खाली करवाई।उप-डाकघर कल्हेल के साथ लगते हैंडपम्प से लेकर स्कूल तक बच्चों की कतार खड़ी की जाती हैं और छात्रों से एक-एक कर पत्थर ढुलाने का काम कुछ अध्यापकों द्वारा करवाया जाता हैं।

जिसके चलते कुछ लोगों ने स्कूल की इस हरकत को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। ये घटना 16 नवम्बर की बताई जा रही हैं। तीन पंचायतों का एक मात्र ऐसा स्कूल हैं जहां दूर-दूर से बच्चे शिक्षा ग्रहण करते आते हैं।

बात जब ज़िला प्रशासन तक पहुंची तो ज़िला प्रशासन ने भी जांच की बात तुरंत बोल डाली। अब देखना होगा की क्या  अध्यापकों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर इन्हें बचाने की तकनीक निकाली जाएगी। ये तो आने वाले दिनों में साफ़ हो जाएगा ।

क्या कहते हैं अधीक्षिक अरविंद शर्मा

वहीं, दूसरी और उच्च शिक्षा उप-निदेशक कार्यालय चंबा के अधीक्षक अरविंद शर्मा का कहना हैं कि जो वीडियो में दिख रहा हैं इस तरह बच्चों से स्कूल में कार्य नहीं करवाया जाता हैं। इसके लिए स्कूल में फंड मुहैया होते हैं इसके बारे पूरी कार्रवाई की जाएगी और रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय शिमला भेजी जाएगी।