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विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस पर “आत्मनिर्भर” बनने की सीख

पी. चंद |

वर्तमान युवा पीढ़ी में सकारात्मक सोच को विकसित करना और देश-समाज के हित के लिए उनमें मानसिकता परिवर्तन लाना समय की जरूरत है. युवाओं के कौशल विकास को रोजगार सृजन की दिशा में प्रेरित करना शिक्षक की प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे युवा वर्ग पढ़ाई के बाद नौकरी के पीछे न भागकर, खुद दूसरों को नौकरी देने में समक्ष हो सकें. यह बात शिक्षक दिवस के अवसर पर तकनीकी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता योजना व विकास प्रो जयदेव ने संगोष्ठी में बतौर मुख्यवक्ता कही.

तकनीकी विवि व स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वाधान से शिक्षक दिवस पर “रोजगार इच्छुक से रोजगार सृजन की ओर” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें तकनीकी विवि के कुलसचिव अनुपम कुमार व अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो राजेंद्र गुलेरिया विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. प्रो जयदेव ने कहा कि स्वावलंबी भारत अभियान का लक्ष्य 2030 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, जिसके लिए हर हाथ को काम देना और पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए देश में स्वरोजगार को विकसित करना है. देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना होगा, जिसके लिए सभी अपनी भूमिका निभा सकते हैं.

स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर बल देना इस दिशा में सबसे अहम योगदान होगा. इस मौके पर तकनीकी विवि के प्राध्यापक और विद्यार्थी सहित स्वदेशी जागरण मंच के राजकुमार गौतम व हेमराज भी उपस्थित रहे. तकनीकी विवि की संगोष्ठी में उद्यमिता सम्मान के रूप में दो लोगों को सम्मानित किया गया. जिसमें डॉ सतीश गिल और सोनू राजपूत शामिल है. उन्होंने भी अपने कारोबार के बारे में विद्यार्थियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी. वहीं, तकनीकी विवि के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने-अपने विचार कविता, वक्तव्य के माध्यम से रखे. साथ ही विद्यार्थियों ने सभी शिक्षकों को सम्मानित किया.