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संस्कारों और नैतिक मूल्यों का सम्मान करें विद्यार्थी: गोविंद ठाकुर

<p>विद्यार्थीकाल जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है जब बच्चे बिना किसी जिम्मेवारी के, बिना किसी चिंता के, बिना किसी भेदभाव के खूब मौज-मस्ती करते हैं। बच्चों की यह अवस्ता उतनी ही संवेदनशील भी होती है जहां से उनके भविष्य की नींव भी पड़ती है। यह बात वन, परिवहन व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सोमवार को कुल्लू के समीप राजकीय उच्च विद्यालय बाशिंग के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नयन के शुभारंभ के उपरांत पाठशाला के वार्षिक समारोह के अवसर पर कही।</p>

<p>गोविंद ठाकुर ने बच्चों का आह्वान किया कि आदर्श नागरिक बनने के लिए जीवन में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का संचार आवश्यक है। विद्यार्थी अपने माता-पिता, गुरूजनों और बड़ों का आदर-सत्कार करें, उनका सम्मान करें। महापुरूषों की जीवनियां पढ़ें और अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालने के निरंतर प्रयास करने चाहिए और उनकी संगति, खान-पान और आदतों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे जल्द से किसी भी आदत को अपना लेते हैं और ऐसे में असामाजिक तत्व उन्हें नशे जैसी बुराई में धकेलने के लिए लक्ष्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को नशीले पदार्थों के सेवन से बचाकर रखना अध्यापकों की भी जिम्मेवारी है और इस संबंध में कतई ढील नहीं दी जानी चाहिए।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>&nbsp;सड़क नियमों के पालन की बचपन से डालें आदत</strong></span></p>

<p>परिवहन मंत्री ने इस अवसर पर यातायात के नियमों की पालना करने का भी पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि कुछ छोटी-छोटी सावधानियां हैं जो बहुमूल्य जिंदगियों को सड़क पर मरने से बचा सकती हैं। सभी लोगों को सीट बैल्ट बांधना, हैलमेट पहनना, ओवर स्पीड वाहन न चलाना, गल्त ओवरटेक न करना तथा नशे में और बिना लाईसेंस वाहन न चलाने जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क नियमों के प्रति जागरूकता के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 12 प्रतिशत की कमी आई है।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>विद्यार्थीकाल में कम से कम 10 पेड़ अवश्य लगाए</strong></span></p>

<p>वन मंत्री ने कहा कि विद्यार्थीकाल में प्रत्येक बच्चे को कम से कम 10 पौधे अवश्य लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पहचान और खूबसूरती इसके घने जंगलों से है और हम न केवल इन जंगलों को बचाना है, बल्कि नए जंगल भी तैयार करने हैं। इसके लिए उन्होंने सभी के सहयोग की बात कही। &nbsp;</p>

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