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कैंसर ने ज़िदंगी की उम्मीद छीन ली थी, लेकिन इन डॉक्टरों ने कर दिखाया चमत्कार

समाचार फर्स्ट डेस्क |

जीवन के पैंसठ बसंत देख चुकी राजो रानी को लगा कि अब जिंदगी ठिठक जाएगी। ब्रेस्ट की बढ़ी हुई गांठ उसे बार-बार निराशा और नाउम्मीदी के घुप अंधेरे में डाल रही थी। यह अंधेरा और भी स्याह हो गया था, जब से डाक्टरों ने इस गांठ को कैंसर डायग्नोज कर दिया। इसी उहापोह के साथ राजो अपने परिजनों के साथ फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा पहुंची।

फोर्टिस कांगड़ा के एडवांस लैप्रोस्काॅपिक सर्जन डाॅ नासिर अहमद भट ने इस गांठ का विस्तृत परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि कैंसर की यह गांठ चमड़ी की उपरी सतह तक पहुंच गई है। यही नहीं कैंसर ने फेफड़ों तक अपने पांव पसार दिए थे।

गांठ से ब्रेस्ट के अंदर बड़ा ज़ख्म भी बन चुका था, जो काफी संक्रमण फैला रहा था। डाॅक्टर नासिर ने प्लास्टिक सर्जन डाॅक्टर ठाकुर थुस्सू व कैंसर विशेषज्ञ डाॅ. सरोज वशिष्ठ से परामर्श करने के बाद ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया। डाक्टरों की इस टीम ने पाया कि मरीज की टायलट मसटेक्टमी यानी ब्रेस्ट को रिमूव करना तत्काल आवश्यक है।

डॉक्टर नासिर ने सधी हुई सर्जरी करके कैंसर से प्रभावित करीब 8 से 10 सेंटीमीटर जगह को निकाल दिया। प्लास्टिक सर्जन डाॅ ठाकुर थुस्सू ने ब्रेस्ट की खाली जगह की स्किन ग्राफ्टिंग करके इसे सामान्य किया। वहीं डाॅ सरोज ने कीमोथैरेपी करके कैंसर की चपेट से प्रभावित दायरे को कंट्रोल किया। मरीज को मरीब 15 दिन अस्पताल की उपचार प्रक्रिया में रखकर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

इस सर्जरी को करीब 6 माह अरसा हो गया है। राजो देवी फोलोअप के लिए अब भी अस्पताल आती हैं, लेकिन अब वह नाउम्मीदी से बाहर निकल कर जिंदगी के साथ सामान्य कदमताल कर रही हैं।

प्लास्टिक सर्जरी व कीमोथैरेपी सुविधा रही अहम: डाॅ नासिर
इस संबंध में डाॅ. नासिर अहमद भट ने कहा कि केस चुनौतिपूर्ण था। कैंसर चैथी स्टेज तक पहुंच गया था। इसके उपचार के लिए सर्जरी के अलावा प्लास्टिक सर्जरी व कीमोथैरेपी होना भी लाजिमी थी। सौभाग्यवश फोर्टिस कांगड़ा में यह सभी सेवाएं उपलब्ध होने से उपचार प्रक्रिया को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जा सका। डाॅ नासिर ने कहा कि चाहे कैंसर चैथी स्टेज का ही क्यों न हो, फोर्टिस में उपलब्ध उपचार सुविधाओं के चलते मरीज की जिंदगी को बेहतर व उसकी पीड़ा को कम किया जा सकता है।