डिजिटल बाल मेला द्वारा चलाये गए अभियान बच्चों की सरकार कैसी हो? में ज्यादातर बच्चे शिक्षा मंत्री बनना चाहते थे. बच्चों के बैग का वजन और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना सभी का मुख्य उद्देश्य था.
भारी बैग से परेशान बच्चों एवं शिक्षा के ऑनलाइन संचालन के हित में हिमाचल प्रदेश विधानसभा “बाल सत्र” में जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र से बाल विधायिका सुश्री प्रिया ने आवाज़ उठाई और सरकार को सुझाव दिया.
अपने साथी विधानसभा सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आज जब पारंपरिक शिक्षा का स्वरूप बदल कर आधुनिक शिक्षा अपनाने का समय है तो, हिमाचल सरकार को भी समय के साथ चलते हुए शिक्षा को ऑनलाइन करने पर ध्यान देना चाहिए.
ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चे विषय बेहतर रूप में समझ सकेंगे साथ ही बच्चों पर पड़ रहे बैग के बोझ को भी कम किया जा सकेगा. ऑनलाइन शिक्षा में सरकार एनीमेशन का प्रयोग करते हुए बच्चों की शिक्षा के प्रति रुचि भी बढ़ा सकती है.
डिजिटल बाल मेला की फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि बाल विधायक प्रिया ने अपना सुझाव हिमाचल प्रदेश विधानसभा कि विधायी प्रक्रिया के नियम 324 के तहत रखा. आपको बता दें की जब सदन में यह सुझाव दिया जा रहा था. तब हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी सदन में मौजूद थे.
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