जिला बिलासपुर के बचत भवन में आज महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत बैठक का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने की।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार के निर्देशों पर जिला बाल संरक्षण इकाई और जिला प्रशासन ने पात्र लोगों को चिन्हित करने के लिए अभियान चलाया है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी पात्र न छूटे यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि यदि आपके आसपास कोई भी अनाथ बच्चा रहता हो या कोई पात्र या अभ्यर्थी छूट जाता है तो जिलावासी जिला बाल संरक्षण इकाई या फिर जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन दे सकते है। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 3 बच्चों के इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 6000 से अधिक अनाथ बच्चों को राज्य सरकार द्वारा चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के रूप में अपनाया है जिसमें बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर पालनहार जैसी सभी सुविधाएं सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत बच्चों को घर शिक्षा और शादी सहित सभी प्रकार के लाभ प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है। अनाथ बच्चों को रहने के लिए आवास भूमिहीन बच्चों को 3 बिस्वा जमीन विवाह के लिए 2 लाख के अनुदान तक दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 18 वर्ष से अधिक आयु के अनाथ बच्चे को 27 वर्ष की आयु तक आफ्टर केयर इंस्टीट्यूट में रहने की सुविधा भी प्रदान करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत एकल नारियों वृद्धजनों और अनाथ बच्चों के लिए एक एकीकृत परिसरों का निर्माण किया जाना है से मुख्यमंत्री ग्राम सुख आश्रय का नाम दिया जाना है। जिसके तहत जिला बिलासपुर में भी इस इस प्रकार के एकीकृत परिसर का निर्माण किया जाना है जिसके लिए अभी भूमि चयन की प्रक्रिया चल रही है। बैठक के दौरान उपायुक्त ने विभाग को जल्द से जल्द भूमि का चयन करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान स्पॉन्सरशिप आफ्टर केयर अप्रूवल कमेटी के बैठक अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कमेठी के सदस्यों की सहमति से 8 बच्चों को इस योजना से लाभान्वित करवाने के लिए कमेटी द्वारा अनुमति दी गई।
बाल संरक्षण अधिकारी शैली गुलेरिया ने बताया कि स्पॉन्सरशिप आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत जिला में 80 अनाथ तथा अर्ध अनाथ बाल बालिका हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से अनाथ बच्चे के पालक दंपति को 4000 प्रतिमाह दिए जाते हैं तथा 500 रुपए एफडी प्रतिमाह के रूप में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक प्रदान की जाती है l बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल सहित जिला के सभी सीडीपीओ कमेटी के अन्य सदस्यों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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