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ACS ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस, DGP अतुल वर्मा और SP संजीव गांधी हटाए

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  • विमल नेगी केस में प्रशासनिक रिपोर्टिंग में भिन्नता पर कार्रवाई, सरकार की सख्त नाराजगी
  • सुक्खू सरकार की बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई: अनुशासनहीनता पर गिरी गाज
  • ACS केके पंत को मिला होम और राजस्व
  • अशोक तिवारी DGP और गौरव सिंह SP शिमला

Blog:  पराक्रम चंद


Vimal Negi Death Case: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में उत्पन्न प्रशासनिक असहमति और अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए सीएम सुखविंद्र सिंह सुकखू ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सचिवालय में मंगलवार को पौने तीन घंटे लंबी बैठक के बा अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा से सभी विभाग लेकर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। पुलिस महानिदेशक (DGP) अतुल वर्मा को भी हटाकर IPS अशोक तिवारी को DGP का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी को हटाकर IPS गौरव सिंह को SP शिमला का प्रभार दिया गया है। वहीं, ACS केके पंत को होम, राजस्व, GAD सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा गया है।इस निर्णय से स्पष्ट है कि सुक्खू सरकार प्रशासनिक अनुशासन में किसी भी प्रकार की शिथिलता और असहमति को सहन नहीं करेगी। सरकार अब इस मामले में संवेदनशीलता और गंभीरता से आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करने जा रही है।

विवाद की पृष्ठभूमि: यह पूरा घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ जब विमल नेगी मौत मामले में प्रशासनिक जांच रिपोर्ट तीनों वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अलग-अलग रूपों में हाईकोर्ट में दाखिल की गई। DGP अतुल वर्मा ने अपनी ही पुलिस की SIT जांच पर सवाल खड़े करते हुए एफिडेविट दाखिल किया, जबकि SP शिमला संजीव गांधी ने सार्वजनिक रूप से DGP के खिलाफ बयान दिए और मुख्य सचिव तथा पूर्व DGP संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए।हाईकोर्ट ने इन विरोधाभासी रिपोर्टों को संज्ञान में लेते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी, जिससे सरकार की गंभीर किरकिरी हुई। इसी के मद्देनज़र सुक्खू सरकार ने कड़ा कदम उठाया।

SP शिमला का खुला मोर्चा: हाईकोर्ट के फैसले के अगले दिन SP संजीव गांधी ने मीडिया से बातचीत में DGP की रिपोर्ट को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया, साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी और राजनीतिक साजिशों से जुड़े संगीन आरोप भी लगाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह हाईकोर्ट के फैसले को डबल बेंच में चुनौती देंगे।

DGP की चुप्पी और अचानक दिल्ली रवाना:DGP अतुल वर्मा ने मीडिया को बुलाकर जवाब देने की तैयारी की थी, लेकिन अचानक एक फोन कॉल के बाद बिना बातचीत के दिल्ली रवाना हो गए। माना जा रहा है कि वह सीएम से मुलाकात के लिए दिल्ली गए थे।