<p>बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर दिए गए बयान पर बीजेपी वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। शांता कुमार ने कहा कि की स्वामी रामदेव का एलोपैधी पद्धति को लेकर दिया गया बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस विवाद से स्वामी रामदेव की ऐतिहासिक और उज्जवल छवि पर बहुत बड़ी आंच आ रही है। जिसके कारण मेरे जैसे देश के करोड़ों लोग बहुत व्यथित हैं। </p>
<p>शांता ने कहा कि आयुर्वेद और ऐलोपैथी दोनों पद्धतियां मानवता की सेवा कर रही हैं। योग की तरह आयुर्वेद भी भारत की एक बहुत बड़ी देने है। विश्वभर के डॉक्टरों वैज्ञानिकों की तपस्या से ऐलोपैथी भी एक बहुत विकसीत पद्धति बन गई है। दोनों पद्धतियों को कोई मुकाबला नहीं किया जा सकता जैसे दो महापुरूषों को मुकाबला नहीं किया जा सकता। </p>
<p>उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षबर्धन के प्रयत्नों से स्वामी रामदेव ने अपना बयान वापस लिया है लेकिस उसी के साथ एक विवाद और शुरू हो गया है। अब ये विवाद अदालतों में जाने लगा है। शांता ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षबर्धन को फोन कर आग्रह किया है कि वे इस विवाद को अतिशीघ्र सुलझाएं। ये विवाद जितना बढ़ेगा उतनी देश की छवि को आंच आएगी। </p>
<p>गौरतलब है कि गत दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में बाबा रामदेव ने एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को 'मूखर्तापूर्ण विज्ञान ' बताया। स्वामी रामदेव ने कहा था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। डॉक्टर भी अपनी जान नहीं बचा पाए। उनके इस बयान के बाद ही देशभर के डॉक्टरों में रोष बढ़ गया। <br />
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