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बिलासपुरः स्वास्तिक गर्ग ने शार्प मेमोरी में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

सुनील ठाकुर, बिलासपुर |

बिलासपुर के जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत डॉ. प्रवीण और डॉ. संदीपा के होनहार बेटे स्वास्तिक गर्ग ने यादाश्त (शार्प मैमोरी) में वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया है। अमेरिका की गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में स्वास्तिक ने मात्र एक मिनट में ही 70 शब्दों को याद किया और सटीक जबाव दिया। नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्वास्तिक मूल रूप से सोलन जिला के सुबाथू के समीप नौरा-खंडोल गांव के निवासी हैं। स्वास्तिक ने बताया कि यह एक ऑनलाइन परीक्षा है और कोई भी इस परीक्षा में भाग ले सकता है। कंपनी ने जो उसे प्रश्नावली दी थी, उसका पूरा वीडियो बना कर भेजा गया और उस समय करीब 20-25 लोग भी उपस्थित थे।

कंपनी ने पूरे वीडियो को देखा और यह तय करने के बाद कि इसमें कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है, उसके बाद ही उसे यह प्रमाणपत्र जारी किया। इससे पहले यह विश्व रिकॉर्ड एक मिनट में 50 शब्दों को याद रखने का था, जिससे उसने तोड़ा है। स्वास्तिक के अनुसार उसने तेज यादाश्त रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस रिकॉर्ड को कभी भी तोड़ सकता है। इससे पहले स्वास्तिक राइटिंग फास्टेस्ट पीरियोडिक्टेबल में भी विज्ञान के फामूले 83.38 सेकेंड में लिख कर विश्व रिकॉर्ड बना चुका है, जबकि पहले यह रिकॉर्ड 89 सेकेंड का था। स्वास्तिक गर्ग शुरु से ही विलक्षण प्रतिभा का धनी है। वर्तमान में वह बंगलुरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान विषय में स्नातक की पढ़ाई कर रहा है।

साल 2017 में स्वास्तिक ने अमेरिका की गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में शार्प मेमोरी की ऑन लाइन परीक्षा दी थी, जिसका प्रमाणपत्र तीन दिन पहले ही उसे मिला है, जिसमें उसने यादाश्त के मामले में विश्व रिकॉर्ड कायम कर लिया है। स्वास्तिक को कंपनी ने याद करने के लिए 70 शब्द दिए, जिन्हें उसने एक मिनट में याद किया और सीधा और उल्टा बताने के अलावा बीच में कौन से क्रम पर कौन सा शब्द है, यह भी बता कर इस प्रतियोगिता में पहला स्थान पाया है। स्वास्तिक का कहना है कि ध्यान और योग से कोई भी व्यक्ति अपनी यादाश्त को तेज कर सकता है। वह आर्ट ऑफ लिविंग संस्था से जुड़े हुए हैं और उसके इंट्यूशन कोर्स से उनकी यादाश्त में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि मेमोरी पर वह एक किताब भी लिख रहे हैं। उधर, स्वास्तिक के पिता डा. प्रवीण शर्मा और माता डा. संदीपा ने इस उपलब्धि पर होनहार बेटे को बधाई एवं सफल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं।