<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला उपायुक्तों, पुलिस अधिक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला अधिकारियों और अन्य फील्ड अधिकारियों को कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक समारोह, विवाह इत्यादि में अधिकतम 50 लोगों की निर्धारित संख्या का पालन करने के सम्बन्ध में जारी मानक संचालक प्रक्रिया का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसका कारण एक रिपोर्ट के अनुसार सामाजिक कार्यों जैसे विवाह, धार्मिक कार्यों आदि में बड़ी संख्या में एकत्रित होना बताया गया है। उन्होंने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। </p>
<p>उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को राज्य में आयोजित किए जाने वाले समारोह के सम्बन्ध में अपने सम्बन्धित क्षेत्र से फील्ड अधिकारियों से प्रतिदिन रिपोर्ट लेनी चाहिए। अधिकारियों को समारोह से पहले परिवारों की काउंसलिंग सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि ऐसे समारोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल न किए जाने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विवाह और अन्य सामाजिक कार्यों की प्रतिदिन निगरानी सुनिश्चित करें।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि चिकित्सक द्वारा घरों में उपचाराधीन मरीजों के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए उनके साथ दूरभाष पर बात करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को घरों में आइसोलेट मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति और पैरामीटर का प्रतिदिन रिकॉर्ड रखना होगा, जिससे उनके उपचार में मदद मिलेगी। ऐसे रोगियों की नियमित और प्रतिदिन निगरानी मरीजों के स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में प्रभावी रूप से जानकारी देने व उनके मनोबल को बढ़ाने में भी मदद करेगी। घरों में आइसोलेशन में रह रहे लोगों को सैनेटाइजर उपलब्ध करवाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीज के नेगेटिव आने के उपरांत घर और आसपास के क्षेत्र का भी उचित सैनेटाइजेशन किया जाए।</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वायरस से लड़ने के लिए घरों में उपचाराधीन कोविड मरीजों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से टेलीफोन कॉल भी किए जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि घरों में उपचाराधीन मरीजों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए कोविड-19 मरीजों को उचित एम्बुलेंस और परिवहन सुविधा के अभाव में परेशानी का सामना न करना पड़े। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की सुविधा के लिए अतिरिक्त वाहन तैनात किए गए हैं।</p>
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