शुक्रवार को ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त शिमला से मिला और टैक्सी व्यवसाय में आ रही समस्याओं को उपायुक्त के माध्यम से सरकार के समक्ष रखा गया।
कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर ने बताया कि सरकार द्वारा शिमला में प्रीपेड बूथ खोलने की योजना वर्ष 2018 से चलाई जा रही है लेकिन अभी तक इस योजना का कार्य शुरू भी नहीं किया गया है। फर्जी गाइड और एजेंट टूरिस्ट से मनमाना किराया वसूल रहे हैं जिस कारण टूरिस्ट व स्थानीय लोगों के साथ प्रतिदिन लूट खसूट के मामले सामने आ रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की प्रीपेड बूथ लगाकर रेट फिक्स किए जाएं और किराए की दरों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए ताकि लूट को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों की अनुसार गाड़ी की स्पीड औसत 30/40 किलोमीटर ही होती है जिसमें सीट बेल्ट की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए सीट बेल्ट की अनिवार्यता को समाप्त करने बारे पुनर्विचार किया जाए।
वहीं, उन्होंने कहा कि गाड़ी का पंजीकरण करवाने के लिए सरकार द्वारा पार्किंग व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है लेकिन बिना पार्किंग सर्टिफिकेट के गाड़ियों का पंजीकरण किया जा रहा है जोकि सरासर कानून का उल्लंघन है। व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण के लिए पार्किंग प्रमाणपत्र की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
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