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“शिक्षक है ज्ञान का अद्वितीय भंडार”

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डॉ. रीना रवि मालपानी द्वारा लिखित शिक्षक दिवस विशेष : शिक्षक का व्यक्तित्व

शिक्षक की महिमा और वंदना है अनंत।

वह तो करता है मस्तिष्क को जीवंत।

शिक्षक है ज्ञान का अद्वितीय भंडार।

सफलता का मार्ग जो करता साकार।

जीवन के उन्नयन में है शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण।

ज्ञान के बिना कभी न होता जीवन पूर्ण।

शिष्य के जीवन को देता है सही दिशा।

मिटाता जीवन से अंधकार रूपी निशा।

सूक्ष्म विश्लेषण करता उन्नति का मार्ग प्रशस्त।

कभी न होने देता ज्ञान का सूर्य अस्त।

दूरगामी सोच से करता सुनहरे भविष्य का निर्माण।

अच्छाई और सच्चाई की राह में बसते उसके प्राण।

ज्ञान के दाता शिक्षक का स्थान है सर्वोच्च।

बड़प्पन रूपी स्वाभाव से होता सदैव उच्च।

शिक्षक चाहता शिष्य तो रचे अनूठे कीर्तिमान।

उसकी कार्यशैली और सोच का हो जगत में गुणगान।

शिक्षक चाहता शिष्य में बना रहे उत्साह एवं हर्ष।

जीवन में मिले उसे सदैव यश, वैभव और उत्कर्ष।

सहृदय शिक्षक तो देता सदैव आशीर्वाद।

डॉ. रीना कहती, ज्ञान की अविरल धारा बहती रहे निर्विवाद।