अब हिमाचल के स्कूलों में तैनात शिक्षक मनमर्जी से ट्रांसफर नहीं करवा पाएंगे। प्रदेश में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए पहली बार कानून बनने जा रहा है। जिसके लिए 9 मार्च को शिक्षक संघ के सुझाव के लिए बैठक बुलाई जाएगी।
बता दें कि इस कानून के लागू होने के बाद शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी। नए कानून के दायरे में जेबीटी से लेकर कॉलेज प्रिंसिपल तक सब आएंगे। म्यूचुअल ट्रांसफर का खेल खत्म हो जाएगा और शिक्षक अपने स्तर पर स्टेशन की सेटिंग नहीं कर पाएंगे।
सरकार द्वारा प्रस्तावित स्थानांतरण अधिनियम पर चर्चा करने के लिए कसरत शुरू हो गई है और अब वह शिक्षक संघों से चर्चा करेगी। शिक्षा विभाग ने हिमाचल प्रदेश एजुकेशन (रेगुलेशन ऑफ ट्रांसफर्स ऑफ टीचर्स) एक्ट 2018 के ड्राफ्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के प्रारूप अब इस पर शिक्षक संगठनों से चर्चा करने जा रही है।
शिक्षा विभाग ने 9 मार्च को शिक्षा निदेशालय में इस मामले पर चर्चा करने के लिए शिक्षक संघों के प्रतिनिधि बुलाए हैं। यह बैठक उच्चतर शिक्षा निदेशालय में होगी। इस प्रारूप में क्या सुझाव शामिल किए जाने चाहिए, इसे लेकर उनसे चर्चा की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमर देव ने बताया कि विभाग ने प्रस्तावित स्थानांतरण अधिनियम पर चर्चा करने के लिए नौ मार्च को अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में 8 शिक्षक संघों के दो-दो प्रतिनिधि बुलाए गए हैं।
विभाग ने चर्चा करने के लिए हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक संघ, हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता अध्यापक संघ, हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ (दोनों ग्रुप), हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ, हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता अध्यापक संघ, हिमाचल प्रदेश डीपीई संघ, हिमाचल प्रदेश स्नातकोतर अध्यापक संघ और हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ शामिल हैं।