<p>सोलन के चंबाघाट में स्थित देश की प्रतिष्ठित टेलीफोन कंपनी एचएफसीएल ने ताला बंदी कर 25 साल से इस कंपनी मे काम कर रहे 63 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कंपनी मैनेजमेंट और कर्मचारियों के बीच चल रहे खींचतान के चलते 10 लोगों का तबादला हिमाचल से दूर बाहरी राज्यों में कर दिया गया है। वहीं, अनुबंध पर रखे गए 22 लोगों को नौकरी से भी निकाल दिया गया है। जिसके लिए बाकायदा पुलिस भी तैनात कर दी गई ताकि कोई भी गेट के अंदर ना जा सके।</p>
<p>गौरतलब है कि एचएफसीएल कंपनी की शुरुआत सोलन मे 1987 मे हुई थी और 1994 मे इसकी सिस्टर कन्सर्न एचटीएल ने कॉमरशल प्रोडकशन के तौर पर अपना काम शुरू कर दिया। बहुत जल्द ही देश की नामी कंपनियों में इसकी गिनती होने लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए लेबर ऑफिसर जितेंद्र बिंद्रा ने कंपनी प्रबंधन और मुलाजिमों को मिलने के लिए बुलाया ताकि मामले को बैठकर सुलझाया जा सके। तय समय मे वर्कर लेबर ऑफिस पहुंच गए। लेकिन, कंपनी की तरफ से कोई नहीं आया। जिसके बाद लेबर ऑफिसर ने आज एक बार फिर से कंपनी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा।</p>
<p>लेबर ऑफिसर जितेंद्र बिंद्रा ने कहा कि अगर कंपनी की ओर से अपना पक्ष नहीं रखा जाता तो जो भी कानूनन कार्यवाही होगी वह अमल मे लाई जाएगी। कंपनी में काम करने वाले मुलाजिमों ने बताया कि अपनी ज़िंदगी के सारे साल यहां पर लगा दिए और इस कंपनी को मंदिर की तरह पूजते रहे। आज अधिकतर लोगों की उम्र 40 साल से ऊपर है और ऐसे में अब वो कहां जाएं ये उन्हें समझ नहीं आ रहा है।</p>
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