शिमला में ब्रिटिशकाल में बनी हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम ढली वर्कशॉप की खस्ताहाल व्यवस्था को चिढ़ाती नज़र आ रही है। इस वर्कशॉप में सैंकड़ों बसों की मुरम्मत की जाती है। दो-दो क्षेत्रीय प्रबंधक यहां बैठते हैं। सैंकड़ों बस मकैनिक यहां पर कार्य करते हैं। लेकिन न बसों को खड़ा करने की जगह है न ही बसों को ठीक करने वाले मकैनिकों के लिए यहां पर्याप्त स्थान हैं। अंग्रेज़ी हकुमत के समय 25 बसों के लिए बनी ये वर्कशॉप आज सैकड़ो बसों का बोझ ढोने को मज़बूर है।
यही नही वर्कशॉप में जगह जगह गड्ढे पड़े हुए हैं जो बरसात के पानी से भर जाते हैं जिसमें काम करने की समस्या सामने आती है। मैकेनिकों का कहना है कि उनको कारोना काल में न तो मास्क मुहैया करवाई गई न सेनेटाइजर, ऐसे में गंदगी और वर्कशॉप की खस्ताहालत सबके लिए परेशानी का सबब बन गई है।