हमीरपुर में दो दशकों से मालिका हक पाने की लड़ाई में कोर्टच एक बुजुर्ग के पक्ष में दो बार फैसला दे चुका है। कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद भी राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते हमीरपुर जिला के भोरंज के मुंडखर गांव के निवासी अंतराम को उनकी जमीन नहीं मिल सकी है। राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग को अपनी ही जमीन से कब्जा छुड़वाने के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है। अपनी जमीन छुड़वाने के लिए डीसी से लेकर मुख्यमंत्री तक भी गुहार लगा चुके हैं।
मुंडखर के बुजर्ग निवासी अंतराम को प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन ही मिल पाया है और यही वजह है कि अनंत राम को बार-बार राजस्व विभाग के कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है।
अंतराम ने बताया कि अपनी जमीन को छुड़वाने के लिए हर जगह गुहार लगा चुका हूं लेकिन सरकारी अधिकारी कोर्ट के फैसलों को भी नही मान रहे हैं। इसके चलते उनकी जमीन बर्बाद हो रही है। उन्होंने बताया कि जब वह लोगों को रास्ते से जाने से रोकते हैं तो उनके साथ मारपीट की जाती है जिससे जान को भी खतरा बना हुआ है। उन्होने सरकार व जिला प्रशासन से मांग कि है की जमीन से नाजायज कब्जे को हटाया जाए और न्याय दिया जाए ताकि वह अपनी जमीन पर खेती कर सके।
ये है मामला..
गौरतलब है कि वर्ष 1998 में भोरंज उपमण्डल के तहत मुंडखर के निवासी अन्तराम की जमीन से गावों वालों ने सम्पर्क मार्ग निकाल दिया जिसे लेकर अन्तराम ने दो बार कोर्ट में मामला दायर किया और दोनों ही बार फैसला अनंतराम के पक्ष में आया लेकिन राजस्व विभाग और पुलिस विभाग ने कार्यवाही नहीं की।
अंतराम ने इसके बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गुहार लगाई कि उन्हे उनका हक दिलवाया जाए। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र जारी किया गया और उनकी जमीन के मुददे को हल करने के लिए विभाग को कहा गया परंतु विभाग ने उसको भी दर किनार किया।