<p>समूचे भारतवर्ष में आज कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। तब से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाजारों गलियों में खूब धूम रहती थी लेकिन इस मर्तबा कारोना ने इस पर्व का रंग भी फ़ीका कर दिया है।</p>
<p>जन्माष्टमी की पूजा के लिए रात का ही महूर्त शुभ माना जाता है। क्योंकि, भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को ही हुआ था। अष्‍टमी तिथि 29 अगस्‍त की रात 11 बजकर 25 मिनट से 30 अगस्‍त की रात 1 बजकर 59 मिनच तक रहेगी। इसके साथ ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।</p>
<p>वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्यपाल आर्लेकर ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जन्माष्टमी देशवासियों का एक पावन पर्व है, जिसे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं व दर्शन आज के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं, जिनका अनुसरण कर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने अपने संदेश में कहा कि श्रीमद् भगवत् गीता के दर्शन ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भगवत् गीता हिन्दू धर्म ग्रंथों और धार्मिक दर्शन का सार है तथा सभी के लिए सफल जीवन जीने का एक मार्गदर्शक भी है।</p>
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