मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों को आहुति देने वीरों के सम्मान में सरकार घोषणाएं तो करती हैं। लेकिन इन घोषणाएं पर अमल नहीं कर पाती। ऐसी ही घोषणा बिलासपुर के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के मरूड़ा गांव के शहीद बलदेव शर्मा के लिए की गई थी। असम राइफल में तैनात बलदेव शर्मा 22 मई 2016 को मणिपुर में गश्त के दौरान उग्रवादियों की बारूदी सुरंग के फटने से शहीद हो गए थे।
तत्कालीन सरकार ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शाहतलाई का नामकरण शहीद बलदेव शर्मा के नाम से रखने का वायदा किया था। लेकिन 5 साल के बाद भी शहीद बलदेव शर्मा के नाम पर स्कूल के नाम रखने को लेकर कुछ नहीं हुआ है।
शहीद बलदेव शर्मा की धर्मपत्नी अरुणा देवी ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनके पति शहीद बलदेव शर्मा के नाम से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शाहतलाई का नाम रखने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक यह घोषणा पूरी नहीं हो पाई है। आज भी सरकार से उन्हें स्कूल के नामकरण की घोषणा को पूरा करने की उम्मीद है जो आज तक पूरी नही हुई है जिसका उन्हें दुःख है। शहीद बलदेव शर्मा ने इसी विद्यालय से दसवीं कक्षा की पढ़ाई की थी।