हिमाचल

राज्यपाल ने आईआईटी मंडी में ‘समाज के लिए प्रौद्योगिकी’ विषय पर आयोजित जी-20/एस-20 सम्मेलन की अध्यक्षता

हिमाचल प्रदेश के तकनीकी विकास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी का महत्वपूर्ण योगदान है। यह संस्थान सेब आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में तकनीकी सहायता भी प्रदान कर सकता है और स्थानीय समस्याओं के समाधान में भी मदद कर सकता है।

यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आईआईटी, मंडी में ‘समाज के लिए प्रौद्योगिकी’ विषय पर आयोजित जी-20/एस-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मेगा जी-20-एस-20 के इस सम्मेलन से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रभावशाली प्रतिनिधियों को एक-साथ आने और तकनीकी हस्तक्षेप के साथ सामाजिक विकास के लिए ज्ञान साझा करने और सार्थक चर्चा की दिशा में बेहतर मंच उपलब्ध हुआ है।

उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि यह संस्थान नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। दुनिया आज कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और यूनियनों से निपटना शामिल है।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद है कि भारत इन मुद्दों को हल करने और वैश्विक साझा मूल्यों को साकार करने वाली भविष्य की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 का मंत्र ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ दोहराकर वसुधैव कुटुम्बकम् का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन केवल एक राजनयिक बैठक तक सीमित नहीं है बल्कि भारत इसे दुनिया में एक नई जिम्मेदारी और विश्वास के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक शक्ति से अवगत कराना हमारी जिम्मेदारी है।

शुक्ल ने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और इसकी अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए इस संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह हिमाचल प्रदेश से शुरू कर दुनिया भर के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करे। उन्होंने समाज के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए संस्थान द्वारा की गई पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पहाड़ी परिवेश के लिए रोप-वे विकसित करना, भूस्खलन और हिमस्खलन की भविष्यवाणी करने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास जैसे संस्थान द्वारा किए गए कार्य सराहनीय हैं।

उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि शोधकर्ता कुशल तरीके से खाना पकाने के स्टोव बनाने पर काम कर रहे हैं, जो राज्य में दुर्गमता की समस्याओं को हल करने में अनुकरणीय कदम साबित हो सकता है। इसी तरह उद्योग के लिए ऊर्जा के रूप में सूखी चीड़ की पत्तियों से जैव ईंधन विकसित करने से भी ग्रामीण लोगों को मदद मिलेगी। उन्होंने अन्य जैव ईंधन और हरित ईंधन के विकास को प्रमुखता से आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कम लागत वाले वेंटिलेटर और नवजात आईसीयू, कम लागत वाले देखभाल उपकरणों, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और नैनो टेक्नोलॉजी के विकास की पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स और कृत्रिम मेधा का कार्यान्वयन भी किया जा रहा है जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संकट को दूर करने के साथ-साथ शहरी सेटिंग्स में स्वास्थ्य देखभाल की लागत को कम करने में सहायक होगा। उन्होंने राज्य में भूस्खलन और हिमस्खलन की भविष्यवाणी के लिए प्रौद्योगिकियों को मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्यपाल ने नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अपने कौशल में उद्यमशीलता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नए उद्यमी सहायता और संवर्धन केंद्र स्थापित करने और पुराने केंद्रों को मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।

इससे पहले, राज्यपाल ने संस्थान की प्रयोगशालाओं और केंद्र का दौरा किया और ड्रोन और रोबोटिक्स, आई-हब, उन्नत सामग्री अनुसंधान केंद्र, टिंकरिंग लैब आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।

आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने राज्यपाल का स्वागत किया और संस्थान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हम प्रौद्योगिकी और युवाओं में कौशल प्रदान करने के मामले में राष्ट्र प्रथम पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आईआईटी मंडी की रीढ़ है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में हमारा लक्ष्य समाज के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में योगदान देना है।

उन्होंने कहा कि हमारे पास सबसे प्रमुख व्यक्तियों से जुड़ने और बातचीत करने और उनसे सीखने का अवसर है कि हम अपने समाज और राष्ट्र में कैसे योगदान दे सकते हैं।

Kritika

Recent Posts

PCC के गठन की कवायद तेज, पर्यवेक्षक नियुक्‍त, देंगे फीडबेक

AICC observers in Himachal Pradesh: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस…

18 hours ago

कांगड़ा जिला को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए राज्य में मिला पहला स्थान

Kangra District disaster management: हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कांगड़ा जिला को स्वयंसेवियों के…

21 hours ago

सांगला-छितकुल सड़क को नया जीवन देगा बीआरओ

Karcham-Sangla-Chitkul Road: जनजातीय जिला किन्नौर में चीन सीमा से सटी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण…

22 hours ago

रोट में खोट और राशन, बकरा घोटालों के बाद बाबा बालक नाथ न्यास में नए ट्रस्टियों की एंट्री

  Baba Balak Nath Temple Trust: पहले राशन घोटाला फिर बकरा निलामी पर किरकिरी और…

23 hours ago

हमीरपुर में माकपा का प्रदर्शन, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर हल्‍ला बोल

CPI(M) protest in Hamirpur: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने हमीरपुर में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बिजली,…

23 hours ago

हाटी जनजाति दर्जे का मामला: हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को होगी सुनवाई

Hati community tribal status: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने के…

23 hours ago