चंबा में परेल के पास सड़क पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। इसका कारण एक तो ऊपर पहाड़ी से भूस्खलन का खतरा दूसरा रावी नदी के तेज बहाव से सड़क धंसने का खतरा। रावी नदी के तेज बहाव की वजह से यह रास्ता धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है। करीब आधा किलोमीटर के रास्ते पर किसी भी तरह का डंगा व सुरक्षा दीवार न होने की वजह से यहां की पर सड़क मलबे के ऊपर ही टिकी हुई है। जैसे ही बारिश होती है तो पहाड़ी से भूस्खलन की वजह से मलबा और पत्थर सड़क पर गिरते हैं। जिसकी वजह से सड़क को और भी क्षति पहुंचती है।
गौरतलब है कि जहां पर यह भूस्खलन होता है वहां बरसात के समय रावी में पानी के तेज बहाव की वजह से रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। रावी नदी में जब भी पानी बढ़ता है तो उसकी वजह से वह सड़क धीरे धीरे धंसती जा रही है। पिछले दिनों बरसात के समय में भारी बारिश की वजह से यहां सड़क को काफी नुकसान हुआ था लेकिन उसके बाद यहां पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग होने के बावजूद सड़क के नीचे किसी प्रकार की दीवारें या डंगा नहीं लगाया जा रहा है। अगर एक बार फिर तेज बारिश होती है तो यह सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकती है। जिसकी वजह से चंबा मुख्यालय का रास्ता बाहर के जिलों से पूरी तरह कट जाएगा।
वहीं, इस बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि परेल घार में मलवा पड़ने की वजह से यहां अक्सर रास्ता बंद हो जाता है। उन्होंने बताया की पिछली बरसात में सड़क के नीचे से राबी नदी के तेज बहाव की वजह से सड़क टूट चुकी है और अब सड़क मलबे के ऊपर ही टिकी है। ऊपर से पत्थर गिरते हैं जिससे गाड़ियों का खतरा रहता है। उन्होंने विभाग और प्रशासन की आग्रह किया है कि यहां पर सड़क के नीचे सुरक्षा दिवार लगाई जाए ताकि बरसात के समय में लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।