हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन आज विपक्ष ने नियम 67 के तहत कोविड काल में आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को निकालने के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव दिया जो अस्वीकार कर दिया गया।
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विपक्ष सदन में झूठे आंकड़े पेश कर रहा है।अगर उन्हें निकालने के ऑर्डर जारी किए गए होंगे तो उन्हे विड्रा कर दिया एक्सटेंशन पर विचार किया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष का आउटसोर्स कर्मियों को सैलरी न देने का आरोप गलत है। कोविड के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को नौकरी से नही निकाला गया है। उन्हें जून तक की सैलरी दी गई है।
जल्द ही उन्हें पेंडिंग सैलरी दी जाएगी। उन्हें 30 सितम्बर तक एक्सटेंशन दी गई है। उन्हें निकालने के ऑर्डर नहीं दिए गए हैं अगर ऐसा होगा तो ऑर्डर को विड्रा कर आगे एक्सटेंशन पर विचार किया जाएगा।
वहीं सदन में हिमाचल में स्थापित उद्योगों में 80 प्रतिशत हिमाचलियों को रोजगार देने का। मुद्दा भी उठा जिस पर उद्योग मंत्री ने कहा कि बद्दी बरोटीवाला में उधोगों में ये 70 फीसदी से कम है। उन्होंने कहा कि विभाग जिन उद्योगों को टैक्स व अन्य चीजों में रिबेट देता है वहां यह सुनिश्चित किया जाएगा, जो उद्योग इसे अम्ल में। नही लाएंगे उन पर कार्यवाही की जाएगी।
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