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शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर फिर पड़ीं दरारें, धंसने का खतरा बढ़ा

पी. चंद, शिमला |

शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान का अस्तित्व एक फिर से खतरे में पड़ गया है। रिज मैदान के एक भाग में बड़ी-बड़ी दरारें आ गयी है। जिससे रिज के धंसने का खतरा पैदा हो गया है। रिज मैदान के धंसने से शिमला शहर में भारी तबाही मच सकती है क्योंकि रिज मैदान के नीचे पानी के लाखों लीटर के टैंक हैं। अगर दरारें टैंक तक पहुंच जाती है और टैंक फट जाते है तो शिमला शहर को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

राजधानी में जारी भारी बारिश से ऐतिहासिक रिज मैदान फिर से धंसना शुरू हो गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण गेयटी थियेटर के सामने वाला रिज का एक हिस्सा काफी धंस गया है। इस हिस्से पर कई दरारें भी पड़ गई हैं। ये दरारें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। इन दरारों से बारिश का पानी रिसने से इसके धंसने का खतरा पैदा हो गया है। भारी बारिश के कारण पिछले एक माह से लगातार इस हिस्से के धंसने से लोगों की चिंता भी बढ़ गई है। इस हिस्से से ठीक नीचे तिब्बती मार्केट है।

उधर, नगर निगम ने अभी तक धंसते रिज को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। रिज का यह हिस्सा पिछले साल भी करीब डेढ़ से दो फीट तक धंस गया था। इसके बाद नगर निगम ने गेयटी से निकलने वाली ड्रेनेज पाइप की मरम्मत करवाई थी। दावा किया था कि पाइपलाइन में लीकेज के चलते यह हिस्सा धंस रहा था, जिसे दुरुस्त करवा दिया गया है। निगम ने रिज के इस हिस्से पर टारिंग भी करवा दी थी लेकिन, अब यही हिस्सा मैदान से नीचे धंस गया है। इस जगह पर लगाई गई रेलिंग भी काफी धंस गई है और टूटने की कगार पर पहुंच गई है।

शिमला के रिज मैदान का निर्माण अंग्रेजों ने किया था और इसके नीचे पानी के टैंक भी अंग्रेजों ने ही बनाये थे। जिससे शिमला शहर के लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति होती है। रिज मैदान के एक भाग पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार दरारें आ रही हैं जिससे रिज मैदान खतरे में है। नगर निगम  प्रशासन रिज मैदान को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। हर वर्ष केवल लीपापोती ही हो रही है। इस बार भी दरारों को दबाने के लिए पत्थर भरने का काम शुरू कर दिया है।