हिमाचल

प्रदेश सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित कर रही प्रयास

विधायक केवल सिंह पठानिया, भुवनेश्वर गौड़ व अजय सोलंकी ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की शुरूआत इसकी एक बानगी है।

यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में इन तीनों विधायकों ने सुख-आश्रय योजना शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रदेश की समस्त जनता की ओर से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को कानूनी अधिकार प्रदान करते हुए इस तरह की कल्याणकारी योजना आरंभ करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। यह योजना मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच, लोगों की वेदना व पीड़ा के बारे में गहराई से समझ एवं उनके कल्याण के लिए संवेदनशील व तार्किक निर्णय लेने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।

केवल सिंह पठानिया, भुवनेश्वर गौड़ व अजय सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना से अनाथ व विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों के लिए सरकार की ओर से सुनिश्चित सहायता का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को अपनाते हुए उन्हें न केवल चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है अपितु उनके उज्ज्वल एवं सुरक्षित भविष्य की भी गारंटी दी है। यह योजना ऐसे असहाय बच्चों को आवश्यक एवं व्यावसायिक शिक्षा सुनिश्चित करती है, वहीं उनके लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।

मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों व अन्य वंचित वर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने का भी प्रावधान किया है। प्रथम चरण में पात्र बच्चों को लगभग पौने पांच करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ देकर प्रदेश सरकार ने उन्हें संबल प्रदान करने का सफल प्रयास किया है।

योजना में नए चिन्हित बच्चों को 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता का निर्णय एक सराहनीय कदम है। इससे अपने रिश्तेदारों के पास रहने वाले लगभग 2700 बच्चे भी लाभान्वित होंगे। इससे इन बच्चों को न केवल आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होगी अपितु वे स्वावलम्बी बनने के लिए भी प्रेरित होंगे।

तीनों विधायकों ने कहा कि इन बच्चों के रहन-सहन, शिक्षण-प्रशिक्षण से लेकर उन्हें वस्त्र अनुदान प्रदान कर उनकी प्रत्येक आवश्यकता का ध्यान इस योजना में रखा गया है। भूमिहीन अनाथ बच्चों को आवास सुविधा के लिए दो से तीन बिस्वा भूमि उपलब्ध करवाने का मुख्यमंत्री का निर्णय भी सराहनीय है।

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