<p>तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के शाइरोपा सभागार में तीर्थन नदी की निर्मल जलधारा के संरक्षण तथा बंजार में ठोस कूड़ा प्रबन्धन विषय पर बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में हिमधारा पर्यावरण समुह पालमपुर से आए प्रकाश भंडारी ,रामनाथ, सुमित,तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती, वन परिक्षेत्राधिकारी तीर्थन भूपेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरण प्रेमी दौलत भारती, नगर पंचायत बंजार के कनिष्ठ अभियंता सचिन ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे।</p>
<p>तीर्थन घाटी के इलावा इस बैठक में बंजार, जीभी,तरगाली और बालीचौकी के युवाओं ने भी भाग लिया। बैठक मे तीर्थन नदी के संरक्षण व संवर्धन के बारे में विस्तृत विचार विमर्श एवं मंथन किया गया। इसी कड़ी में बंजार तरगाली क्षेत्र के युवा निखिल चौहान ने खुंदन मोड़ में नगर पंचायत द्वारा डम्प किए जा रहे कचरे का मुद्दा उठाया।उन्होंने कहा कि जिस स्थान में कूड़ा कचरा डम्प किआ जा रहा है वह स्थान बिल्कुल भर चुका है और कचरा सीधा तीर्थन नदी की निर्मल जल धारा में गिर रहा है जिस बजह से तीर्थन नदी का जल प्रदूषित हो रहा है तथा इससे ट्राउट मछलियों और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।इस समस्या का समाधान करने के लिए घाटी के लोगों ने शासन व प्रशासन से कई बार आग्रह किया लेकिन अभी तक इस समस्या का हल नहीं हो सका है।</p>
<p>इस पर नगर पंचायत के कनिष्ठ अभियंता सचिन ठाकुर का कहना है कि उन्होंने इस विषय पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके केस फ़ाइल नोडल अधिकारी शिमला को भेजी है जिसकी प्रक्रिया जारी है । तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती का कहना है कि इस धरोहर तीर्थन नदी की निर्मल जलधार के संरक्षण के लिए हम सभी लोगों को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।कूड़े कचरे की वजह से नदी में फैल रहे प्रदूषण की समस्या का शीघ्र ही कोई समाधान होना चाहिए ताकि इस वजह से घाटी के पर्यटन पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। बजुर्गों का कहना है कि इस नदी के जल में कई औषधीय गुण मौजूद है। लेकिन इस नदी की निर्मल धारा का प्रदूषित होना बेहद चिंतनीय विषय है।</p>
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<p>हिमधारा पर्यावरण समूह पालमपुर से आए पर्यावरणविद प्रकाश भंडारी का कहना है कि स्थानीय लोगों एवं प्रशासन की सहभागिता से कूड़े कचरे का प्रवन्धन आसानी से संभव हो सकता है। उन्होंने पालमपुर की आइमा ग्राम पंचायत द्वारा स्थापित कवर्ड डपिंग साइट के बारे मे जानकारी दी।जहां पर ठोस व तरल कूड़े कचरे के निस्तारण के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित है जिसमें एक बन्द हॉल के अन्दर ही मशीनें स्थापित करके ठोस कचरे से ईंट व तरल कचरे से जैविक खाद तैयार की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि यहां के स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को आइमा पंचायत का भ्रमण करवाया जाना चाहिए।</p>
<p>घाटी के युवाओं का कहना है कि धरोहर तीर्थन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रशासन को शीघ्र ही विकल्प तलाश करने होंगे ।इस प्रकार के आधुनिक प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बंजार के आस पास अन्य क्षेत्रों में भी सम्भावनाएं तलाशी जा सकती है जिसके लिए लोग प्रशासन का सहयोग करने को तैयार है।यदि खुंदन मोड़ के पास कूड़ा फेंकना बन्द नही किया गया तो लोगों को मजबूरन इसे रोकना होगा इसके इलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।</p>
<p>वन परिक्षेत्राधिकारी भूपेन्द्र शर्मा का कहना है कि कूड़े कचरे के निस्तारण के प्रति लोगों का जागरूक होना आवश्यक है शहरी क्षेत्र में लोगों को कूड़ा छंटाई करके देना चाहिए।कूड़ा सयंत्र प्रॉजेक्ट स्थापित करने में वन विभाग का पूरा सहयोग रहेगा।</p>
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