महिला सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावे करने वाले राजनीतिक दलों ने इस बार भी टिकट आवंटन में महिलाओं के प्रति कंजूसी ही बरती है. हिमाचल प्रदेश के मुख्य दोनों दलों भाजपा एवं कांग्रेस ने मात्र 9 महिलाओं को टिकट दिया है.
आप ने 5 महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि 10 अन्य से चुनाव लड़ रही हैं. प्रदेश के 68 हलकों में इस बार भाजपा, कांग्रेस व आप सहित अन्य दलों के उम्मीदवार के तौर पर 24 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. ये स्थिति उस वक़्त की है जब हिमाचल में महिला मतदाता पचास फ़ीसदी के करीब हैं. कुल 5592828 मतदाताओं में से 2737845 महिलाएं, 2854945 पुरुष और 38 थर्ड जेंडर हैं.
अपने आप को देश की सबसे पुरानी पार्टी कहने वाली कांग्रेस पार्टी ने तो मात्र 3 महिलाओं पर ही भरोसा जताया है और इस बार टिकट दी है. जिनमें से एक तो वर्तमान में डलहौजी की विधायक आशा कुमारी शामिल है.
सिरमौर जिला की आरक्षित सीट पच्छाद से दयाल प्यारी को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि मंडी सदर से कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर को कांग्रेस ने टिकट दी है.
अब बात विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की भी कर लेते हैं जिसने इन विधानसभा चुनावों की 68 सीटों में से मात्र 6 महिलाओं पर दांव खेला है. वर्तमान में मौजूदा विधायक व मंत्री शाहपुर से सरवीन चौधरी, कांगड़ा की इंदौरा आरक्षित सीट से रीता धीमान, पच्छाद आरक्षित सीट से रीना कश्यप को एक फिर टिकट दिया गया है.
जबकि 2017 में भी आरक्षित सीट रोहड़ू से चुनाव हार चुकी शशिबाला पर भाजपा ने फिर से विश्वास जताया है. जबकि चंबा से राजनीतिक उठापटक के बाद नीलम नैयर को टिकट दिया गया है. साथ ही बड़सर से भी माया शर्मा को पहली बार टिकट दी गई है.
यानी की कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दोनों मुख्य दलों की तरफ से मात्र 9 महिला प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में है. इनमें जीतकर कितनी पहुंचती है यह देखने वाली बात होगी. उधर आम आदमी पार्टी ने 6 महिलाओं को टिकट दिया लेकिन एक ने चुनाव लड़ने से पहले ही मैदान छोड़ दिया. द्रंग से भी आप ने महिला को ही टिकट दिया था.
जिसने अपना नाम वापिस ले लिया है. अब मनीषा कुमारी नूरपुर, पूजा ठाकुर सुंदर नगर, रजनी कौशल भोरंज, अंजू राठौर सोलन, नाचन से जबना चौहान को टिकट दिया गया है. कुल मिलाकर भाजपा, कांग्रेस व आप ने 14 महिलाओं को ही टिकट दिया है.
2017 में 19 महिलाओं ने किस्मत अजमाई मात्र 4 महिलाएं ही जीतकर विधानसभा पहुंची. 2012 में 34 महिलाओं ने चुनाव लड़ा लेकिन जीती मात्र तीन पच्छाद के उपचुनाव में एक और महिला रीना कश्यप विधानसभा पहुंची थी.
यानी कि मोजुदा विधानसभा में मात्र 5 नेत्रियाँ ही विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर रही थी. इन में कांग्रेस के पाले में तो मात्र एक विधायक आशा कुमारी ही थी. हिमाचल में महिलाओं के सामने सबसे बड़ी चनौती ये भी है की मतदाता भी उनका ज्यादा साथ नही देते हैं.