<p>देवदार, एक ऐसा पेड़, जिसकी ईमारती लकड़ी काफी कीमती मानी जाती है। इसके पेड़ हिमाचल प्रदेश में 6 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में पाए जाते हैं, जहां बर्फबारी होती है। जबकि निचले या मैदानी गर्म इलाकों में इनकी पैदावार संभव नहीं होती, लेकिन मंडी जिला के पनारसा गांव निवासी 44 साल के दलीप सिंह ठाकुर ने देवदार का एक छोटा सा जंगल अपनी बंजर भूमि पर उगाकर यह साबित कर दिया कि मेहनत से कुछ भी किया जा सकता है।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(805).jpeg” style=”height:357px; width:600px” /></p>
<p>पनारसा गांव में ब्यास नदी के तट पर दलीप सिंह ठाकुर की जमीन बंजर पड़ी हुई थी। मन में एक ऐसा बगीचा बसाने की चाह थी जहां कभी जाकर सुकून से समय बिताया जा सके।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>साल 2005 में बंजर जमीन पर लगाए देवदार के पौधे</strong></span></p>
<p>साल 2005 में देवदार के पौधे लाकर बंजर जमीन पर हरियाली लाने की कवायद शुरू कर दी। शुरुआती दौर में देवदार के पौधों को बच्चों की तरह पाला। कभी जंगली जानवरों से बचाया तो कभी तेज धूप और बारिश से। मेहनत का फल आज सभी के सामने है। 600 पौधों का एक छोटा सा जंगल बंजर हो चुकी जमीन पर लहरा रहा है, जिसे देखकर आज दलीप सिंह ठाकुर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(806).jpeg” style=”height:394px; width:600px” /></p>
<p>दलीप सिंह ठाकुर ने एक नया प्रयास भी किया जिसमें भी उन्हें अभी तक सफलता मिलती हुई नजर आ रही है। करीब एक साल पहले उन्होंने चंडीगढ़ में अपने एक दोस्त के फार्म हाउस पर देवदार के पांच पौधे लगाए थे, जोकि अभी तक सफलतापूर्वक ग्रोथ कर रहे हैं। जब यह पेड़ बन जाएंगे तो यह एक नया कीर्तिमान हो सकता है।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(807).jpeg” style=”height:384px; width:600px” /></p>
<p><br />
दलीप सिंह ठाकुर ने जब देखा कि देवदार के पौधों की अच्छी ग्रोथ हो रही है तो उन्होंने यहां पर फलदार पौधों को लगाने का काम भी शुरू कर दिया। 2010 से उन्होंने फलदार पौधों की पैदावार शुरू की। इसमें उन्होंने सेब, पलम, अनार और अन्य प्रजातियों के फलदार पौधे लगाए। सभी पौधों ने फल देना शुरू कर दिया है और इससे दलीप सिंह ठाकुर की आमदन भी हो रही है।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(808).jpeg” style=”height:313px; width:613px” /></p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पौधारोपण को बना चुके हैं एक मुहीम </strong></span></p>
<p>यही नहीं, दलीप सिंह अब पौधारोपण के कार्य को एक मुहीम बना चुके हैं। वह बरसात के दौरान सैंकड़ों की संख्या में पौधे लगाते और लगवाते हैं। अब दलीप सिंह एक नया प्रयास करने जा रहे हैं।फोरलेन के कारण जितने पेड़ कट रहे हैं उसकी भरपाई करने के लिए लार्ज स्केल पर पौधारोपण की तैयारी कर रहे हैं, इसके लिए वह गांव के विभिन्न वर्गों से मिलकर उन्हें इस काम के लिए प्रेरित कर रहे हैं।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(809).jpeg” style=”height:371px; width:658px” /></p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>बच्चों के जन्मदिन पर लगाते हैं पौधे </strong></span></p>
<p>दलीप सिंह ठाकुर ने तीन साल पहले एक नई शुरुआत की। उन्होंने बच्चों के जन्मदिन पर होने वाले खर्च को पौधारोपण पर खर्च करने का निर्णय लिया। बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित किया। आज दोनों बेटे राघव और राहुल ठाकुर अपने जन्मदिन पर केट न काटकर पौधे लगाते हैं। इससे वह जहां पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं अन्य को भी यह संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि केक काटकर कुछ नहीं होने वाला, जबकि पौधे लगाने से भविष्य बेहतर होने वाला है। बच्चों के जन्मदिन पर लगाते हैं।</p>
Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…
Mandi Literacy Committee: हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने शनिवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय…
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,…
Priyanka Gandhi Wayanad victory: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जल्द ही हिमाचल प्रदेश के शिमला पहुंचेंगी।…
First Snowfall at Atal Tunnel: प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 53 दिनों के लंबे…
Major Indian festivals 2025: साल 2024 अब समाप्ति के करीब है और कुछ ही दिनों…