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धर्मशाला में मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें, लोगों के घरों में घुसा पानी

मृत्युंजय पुरी |

धर्मशाला में भारी बारिश होने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं धर्मशाला के वार्ड नंबर 7 में मूसलाधार बारिश होने के कारण तथा पानी की सही निकासी ना होने की वजह से पानी लोगों के घरों में चला गया. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा वही भारी बरसात में ही लोगों ने पानी को निकालने के लिए बंद पड़ी हुई नालियों को भी साफ किया. हालांकि यह एरिया नगर निगम के तहत आता है.

इसे नगर निगम की लाचारी ही कहा जा सकती है कि समय रहते नगर निगम ने धर्मशाला की नालियों की सफाई नहीं करवाई और अब हालात यह हो गए हैं कि बरसात का पानी सीधे लोगों की घरों की ओर अपना रुख कर रहा है. जिससे लोगों के सामान को भी नुकसान पहुंच रहा है.

निगम की लापरवाही के कारण इस समस्या से होना पड़ रहा दो-चार…

धर्मशाला के स्थानीय निवासी विवेक ने बताया कि भारी बरसात होने के कारण वह पानी की निकासी ना होने से उनके घर में बरसात का पानी चला आया. जिस कारण घर में रखे उनके कीमती सामान को भी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि बरसात आने से पहले ही उन्होंने नगर निगम को इस बारे में शिकायत दर्ज करवा दी थी कि वार्ड नंबर 7 की नालियां व ढंगे दुरुस्त नहीं है लेकिन निगम की लापरवाही के कारण ही आज उन्हें इस हालात से रूबरू होना पड़ रहा है.

नगर निगम द्वारा की जारही वार्ड नंबर 7 की अनदेखी…

वहीं, स्थानीय निवासी अश्वनी ने बताया कि बरसात का पानी उनके घर में घुस जाने के कारण घर में रखी कीमती चीजों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि अगले माह उनके घर में उनके बेटे की भी शादी है. ऐसे में अगर नगर निगम द्वारा ढंगे व नालियों को दुरुस्त नहीं करवाया जाता है तो उनके लिए कहीं ना कहीं मुश्किल खड़ी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि धर्मशाला के बाकी जगहों में भी काम करवाया जा रहा है. लेकिन नगर निगम द्वारा वार्ड नंबर 7 की अनदेखी की जा रही है.

वार्ड नंबर 7 की पार्षद ने दी ये सफाई…

इस बारे में जब वार्ड नंबर 7 की पार्षद संतोष शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से इस बारे में बात हो गई है और उन्हें एस्टीमेट बनाकर देने की बात कही है जैसे ही स्थानीय लोग एस्टीमेट बना कर दे देंगे वैसे ही नालियों व टूटे हुए ढंगे का काम शुरू करवा दिया जाएगा. संतोष शर्मा ने बताया कि उनके पास अभी मौजूदा समय में एक से दो वर्कर ही हैं जो फील्ड में जाकर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लेबर की कमी के होने के कारण भी वे सही तरीके से काम को नहीं करवा पा रही हैं.