मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आवास क्षेत्र जिला मंडी में धर्मपुर मंडल के तहत बहरी-धवाली-मढ़ी उठाऊ सिंचाई योजना साल 2009 में 32 करोड़ 15 लाख रुपये की स्वीकृत हुई थी। दस साल बीत गए लेकिन ये स्कीम पूरी नहीं हुई है और इस पर अभी तक 37 करोड़ 78 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं जो स्वीकृत बजट से ज्यादा है। हालांकि वर्तमान सरकार आईपीएच विभाग के मंत्री भी धर्मपुर से ही बने हैं। बावजूद इस स्कीम के काम में कोई तेज़ी नहीं आयी है और न ही सुधार हुआ है।
ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस सिंचाई योजना से बीस गांवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की योजना विभाग ने बनाई है। लेकिन स्वीकृत बजट खत्म हो गया और पानी बीस में से एक भी गांव को उपलब्ध नहीं हुआ है। पिछले दो सालों से केवल रेस्ट हाउस बनाने के काम में ही प्रगति हुई है। जो विभाग और विभाग के मंत्री की प्राथमिकता और कर्यप्रणाली को दर्शाता है। जिसमें दस साल में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है। अपने घर के नज़दीक आलीशान रेस्ट हाउस बना दिया गया।
इस योजना के तहत आने वाले कई गांवों के लिए तो अभी पाईप लाईन भी नहीं डाली गई हैं और न ही अभी तक पाइप लाइन की टेस्टिंग की गई है। हिमाचल किसान सभा खंड कमेटी धर्मपुर ने इस सिंचाई योजना को जल्द पूरा करके किसानों के लिए पानी उपलबध करने की मांग की है। भूपेंद्र सिंह ने ये भी बताया कि इस योजना के अंतर्गत विभाग और मंत्री ने एक आलीशान रेस्ट हाउस बना दिया और इस योजना का अधिकांश पैसा उस पर खर्च कर दिया और इसका संचालन भी ठेकेदार के माध्यम से शुरू कर दिया गया है। जिसके लिए एक साल का ठेका दस लाख रुपये का दे दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किसानों के नाम पर औऱ किसानों के लिए सिंचाई योजना के स्वीकृत बजट में से जिस रफ़्तार से ये रेस्ट हाउस बनाया गया है उस रफ़्तार से सिंचाई योजना का काम विभाग और मंत्री क्यों नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि असल में इस स्कीम में एक किसान भवन के निर्माण के लिए कुछ धनराशी का प्रावधान किया गया था। लेकिन दो साल पहले वर्तमान सरकार में आईपीएच मंत्री बने यहां के विधायक महेंद्र सिंह ने इसे रेस्ट हाउस में तबदील करवा दिया और इस योजना को नजरंदाज करके अधिकतर पैसा इस विश्राम गृह पर खर्च करवा दिया और युद्धस्तर पर काम करवा कर पूरा भी कर दिया है। जबकि रेस्ट हाउस का फ़ायदा किसानों के बजाए नेताओं, ठेकेदारों औऱ अधिकारियों को ही होगा लेक़िन बजट किसानों के नाम पर खर्च कर दिया गया है। हिमाचल किसान सभा खण्ड कमेटी और ज़िला पार्षद ने इस सिंचाई योजना को जल्दी पूरा करने की मांग की है और यदि सिंचाई योजना का पैसा रेस्ट हाउस में लगाया गया है तो इसकी जांच करने की भी मांग की है।