शिमला-कालका रेलवे ट्रैक की खूबसूरती को अब ट्रेन के अंदर बैठे-बैठे सैलानी निहार सकेंगे। भारतीय रेलवे की ओर से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर देश का पहला सबसे अलग शीशे के बना पारदर्शी कोच चलाया जा रहा हैं। रेलवे का यह नया कॉन्सेप्ट है जिसके लिए सबसे पहले कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक को ही चुना गया है। इस नए शीशे से बने पारदर्शी कोच के ट्रैक पर चलने से सफर करने का रोमांच दुगना होगा। इस ट्रैक पर अब शीशे के पारदर्शी कोच में सफर पर्यटक कर सकेंगे। रविवार सुबह भी इस नए कोच को शिमला रेलवे स्टेशन से कालका के लिए ट्रायल के लिए रवाना किया गया।
इससे पहले शनिवार को भी इस कोच का सफल ट्रायल भी कालका शिमला ट्रैक पर कर लिया गया है। कालका से शिमला तक ट्रैक पर विस्टा डॉम कोच का सफल ट्रायल किया गया था। अब ट्रायल सफल होने के बाद इस तरह के अन्य कोच बनाकर हैरिटेज ट्रैक पर इसके सफर का आनंद पर्यटकों को दिया जाएगा। रविवार को भी यह कोच सामान्य गाड़ियों के साथ लगाकर कालका के लिए रवाना किए जाएगें।
शिमला रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक प्रिंस शेट्टी ने बताया कि इस विशेष कोच को तैयार करने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने हिमाचल के दौरे के दौरान रेलवे को निर्देश दिए थे। अब इस कोच को कालका स्टेशन में करीब दस लाख की लागत से तैयार कर इसका ट्रायल किया गया है। ट्रैक पर इसका सफल ट्रायल होने के बाद अब लोग व देश विदेश के पर्यटक ट्रांसपेरेंट कोच का लुत्फ उठा सकेंगे। इस पारदर्शी कोच में बैठकर पर्यटक कालका से शिमला तक आने वाली वादियों को चारों ओर से निहार सकेंगे।
उन्होंने कहा कि कोच की विशेषता यह है कि यह पूरा शीशे से बना है और इसमें लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। खिडकियों सहित शीशे के छत से चारों ओर का दृश्य देखा जा सकेगा। पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इसे वातानुकूलित बनाया जाएगा। कोच में दो एसी लगाये गए है। इस विस्टा डॉम कोच की छत 12 एमएम शीशे की बनाई गई है। दरवाजों व खिडकियों पर अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कठोर शीशे का इस्तेमाल किया गया है। दरवाजों पर स्टील की रेलिंग को भी लगाई गई है।
कोच का निरीक्षण कर रहे चीफ इंजीनियर का कहना है कि यह अपनी तरह का पहला कोच है जो इस तरह से डिजाइन करवा कर रेलवे चलाने जा रहा है। इसे सबसे पहले हैरिटेज ट्रैक कालका-शिमला पर ही चलाया जा रहा है। इसकी पहला ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है और अब इसका कालका स्टेशन तक दूसरा ट्रायल किया जा रहा है। अन्य कोच भी इस तरह के तैयार किए जा रहे है, लेकिन उनका डिजाइन इससे अलग होगा। इस कोच की खास बात यह है कि इसमें बैठकर पर्यटक ना केवल आस पास के नजारे को देख सकेंगे बल्कि ट्रैक के पीछे ओर छत से भी प्राकृतिक नजारों की निहार सकेंगें। उन्होंने बताया कि इस कोच को रेलगाड़ी के सबसे लास्ट में लगाया जाएगा जिससे कि सफर का आनंद पर्यटकों को मिल सके।