यूं तो 15 अगस्त के दिन अंग्रेजों को भारत छोडने पर मिली आजादी के पर्व के रूप में मनाया जाता है. लेकिन हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला का चमियाना गांव एक ऐसा गांव है. जहां पर पहले विश्व युद्व में शहीद हुए 81 लोगों की याद में झंडा फहराकर श्रद्वाजंलि दी जाती है. साथ ही आजादी के पर्व को भी धूमधाम से मनाया जाता है.
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला का एक ऐसा गांव जिसमें प्रथम विश्व युद्व में 81 लोगों ने अपने प्राणों की आहूतियां देकर शहीद हुए थे. आज भी जिला के टप्पा चमियाना में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर शहीद हुए इन लोगों की याद में श्रद्वाजंलि समारोह का आयोजन किया जाता है. इस बार आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वें समारोह के चलते चमियाना गांव में प्रथम विश्व युद्व में शहीद हुए 81 लोगों की याद में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसकी तैयारियां की जा रही है.
बता दे कि जिला हमीरपुर के टप्पा चमियाना में 81 शहीदों के नाम पर गांव के प्रवेश द्वार पर शहीद स्मारक का निर्माण किया गया है और दशकों से एक ताबूत पर प्रथम विश्व युद्व में शहीद हुए लोगों के बारे में अंकित किया गया है. हालांकि कुछ साल पहले इस ताबूत पर सभी 81 लोगों के नाम भी लिखे हुए थे लेकिन पुराने ताबूत खडंहर होने के बाद अब नया ताबूत बनाया गया है.
75 वर्षीय कश्मीर सिंह ने बताया कि पहले विश्व युद्व में शहीद हुए लोगों की याद में ताबूत के साथ साथ शहीद स्मारक गेट का निर्माण किया गया था. 1914 से 1919 तक चले हुए पहले विश्व युद्व के दौरान एक ही टप्पा से यह लोग शहीद हुए थे. जिनकी याद में आज भी स्वतंत्रता दिवस पर प्रशासन द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
विक्रम सिंह ने बताया कि बजुर्गो से ही सुना है कि चमियाना टप्पा के 81 लोगों की पहले विश्व युद्व में मौत हुई थी और उनकी याद में भी ताबूत बनाया गया था और जो पहले का ताबूत था वह खंडहर होने के बाद नया ताबूत बनाया गया है जो कि आज भी मौजूद है.
युवा ने बताया कि चमियाना के बुजुर्गो पर हम सभी को गर्व है और सभी लोगों को पहले विश्व युद्व में शहीद हुए लोगों को लेकर गर्व महसूस करते है. 15 अगस्त के दिन भी झंडा फहराकर इन शहीदों को याद किया जाता है और पहले विश्व युद्व के शहीद हुए 81 लोगों की याद में आज भी चमियाना गांव में तिरंगा फहराया जाता है और उन सभी को श्रद्वाजंलि दी जाती है.