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माताओं ने सीखा बच्चों के सर्वांगीण विकास का महत्व

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Mothers’ role in preschool education : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जसूर में पहली शिक्षक मां कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में नूरपुर, राजा का तालाब, फतेहपुर, कोटला, इंदौरा और ज्वाली सहित छह शिक्षा खंडों से लगभग 90 माताओं ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य माताओं को उनके बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और संवेगात्मक विकास के लिए जागरूक और सक्षम बनाना था।

कार्यशाला में माताओं को विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर बच्चों की शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक जानकारी दी गई। माताओं को बच्चों के लिए उचित खान-पान, खेल-कूद, पढ़ाई और अन्य सहायक गतिविधियों के महत्व के बारे में बताया गया। इसके साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया गया कि पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चों को कैसे तैयार किया जाए।

कार्यशाला में माताओं ने पहाड़ी गीतों पर नृत्य कर अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई और सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाया। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक डॉ. नीलम ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला माताओं को शिक्षा से जोड़ने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार करने का प्रयास था।

खंड प्रारंभिक अधिकारी अजय सहोत्रा ने बताया कि यह कार्यक्रम डाइट्स धर्मशाला के सहयोग से आयोजित किया गया। उन्होंने माताओं से आह्वान किया कि वे यहां सीखी गई विधियों और तकनीकों का अपने बच्चों के विकास में उपयोग करें। इस दौरान माताओं ने बच्चों को शिक्षित और बेहतर नागरिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बातें सीखी।

कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के विकास में माता की भूमिका को मजबूत करना और उन्हें पहली शिक्षक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करना था।