समकालीन न्यायिक विकास और न्याय को कानून और प्रौद्योगिकी के माध्यम से मजबूत करने” के विषय पर दो दिवसीय उत्तर क्षेत्र-द्वितीय क्षेत्रीय न्यायाधीश सम्मेलन का आज से शिमला में शुभारंभ हो गया है.
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया. सम्मेलन का आयोजन नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी द्वारा हिमाचल हाई कोर्ट और हिमाचल ज्यूडिशियल अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है. सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल, अनिरुद्दा बोस के अलावा 6 हाईकोर्ट के 156 न्यायाधीश व न्यायिक अधिकारी प्रतिनिधि भाग ले रहें हैं.
इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से न्यायायिक व्यवस्था को काफी मदद मिल सकती है और आज के समय की मांग भी यही है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल ने कहा कि भारत को विश्व शक्ति बनाने में न्यायिक व्यवस्था महत्पूर्ण भूमिका अदा कर सकती है. क्योंकि न्यायधीश लोकतन्त्र का मज़बूत विंग है. अगर देश आर्थिक रूप से मज़बूत होगा तभी हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं.
ज्यूडिशियल अकादमी हिमाचल के निदेशक राजीव बाली ने कहा कि 2 दिन तक शिमला में दूसरा उत्तर क्षेत्रीय न्यायाधीशों का सम्मेलन चल रहा है. जिसमें टेक्नोलॉजी और लॉ के माध्यम से न्याय में क्या रिफॉर्म्स लाई जाएं उस पर चर्चा होगी.
चर्चा के बाद न्यायिक व्यवस्था में भी इसे शामिल किया जाएगा. क्योंकि आज के समय में क्रिप्टोकरंसी के मामले,ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड जैसे मामले सामने आ रहे हैं. उसमें टेक्नोलॉजी कैसे सहायक हो सकती है इस मंथन होगा.
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया.