<p>सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के तहत महिला एवं बाल विकास निदेशालय द्वारा आज पुलिस लाईन झलेड़ा में राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता व सहकारिकता मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन ने सहकारिकता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार प्राप्त है। संविधान में व्यवस्था है कि समाज का प्रत्येक वर्ग एक समान रूप से आगे बढ़े।</p>
<p>उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा प्रदान किये गये अधिकार सभी के लिये समान रूप से लागू होते हैं। अगर पुरूष को कोई अधिकार प्राप्त है तो स्त्री भी उस अधिकार की हकदार है। बेटे और बेटियों के लिये भी अधिकार समान रूप से लागू होते हैं। किंतु रूढ़ीवादी सोच और अनभिज्ञयता के कारण समाज में बेटे और बेटियों को समान रूप से नहीं देखा जाता। बेटों की तुलना में बेटियों को कम क्षमतावान और प्रतिभाशाली माना जाता है लेकिन अगर आज शिक्षा, व्यवसाय, खेलकूद, स्वरोजगार इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में नज़र दौड़ाई जाए तो देखेंगे कि आज लड़कियां लडक़ों से भी आगे निकल रही हैं। किसी भी स्कूल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों के परीक्षा परिणामों का विशलेक्षण करें तो पाएंगे कि मैरिट सूची में लड़कियों का दबदबा रहता है।</p>
<p>मंत्री ने कहा कि लिगांनुपात की बात की जाए तो पूर्व में जिला ऊना के आंकड़े बहुत चिंताजनक थे। लेकिन आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के सफल क्रियान्वयन से लिंगानुपात में काफी सुधार आया है और यह प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा कई अनूठे प्रयोग किये गये। इसके तहत बेटियों वाले परिवारों को सम्मानित करने के लिये डीसी कार्ड जारी करने की योजना शुरू की गई। डीसी कार्ड धारक परिवार को किसी भी सरकारी कार्यालय में संपर्क करने पर प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ-साथ बेटी के नाम पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बोर्ड लगवाने के लिये दुकानदारों को प्रोत्साहित भी किया गया। उन्होंने कहा कि लिगांनुपात को बढ़ाने के लिये किये गये प्रयासों के लिये प्रशासन और जिला निवासी दोनों ही बधाई के पात्र हैं।</p>
<p>उन्होंने बताया कि आज हम राष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहे हैं। इस दिवस की सार्थकता तब सिद्ध होगी जब समाज में पूर्ण रूप से जागरूकता फैलेगी। इसके लिये सोच में बदलाव अति आवश्यक है। धीरे धीरे बदलाव हो रहा है और एक दिन सोच पूरी तरह से बदल जाएगी। बेटियों को बेटों के बराबर मान सम्मान सुनिश्चित होगा। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक, कृतिका कुलहरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विभाग द्वारा महिलाओं व बेटियों के लिये चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर आधारित लघु नाटिका भी प्रस्तुत की।</p>
<p>राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर शपथ दिलाई तथा कुल्लू में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के निधन पर दिवंगतत आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा गया।</p>
<p>इस अवसर पर मेरे गांव की बेटी मेरी शान योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट 28 बालिकाओं और 5 अभिभावकों को सम्मानित किया गया। साथ ही जिला प्रशासन के सहयोग से जीएनएम कोर्स कर रही 9 छात्राओं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पांच दुकानदारों को अपनी बेटी के नाम पर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान का नाम रखने के लिये भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर 350 दादी-पोती को बेबी किट, दस पंचायतों को वाद्य यंत्र प्रदान किये गये। इसके अलावा दस बेटियों वाले परिवारों को डीसी कार्ड भी वितरित किये गये।</p>
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